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शिक्षा, सम्मान और सशक्तिकरण की ओर अग्रसर गुजरात के अनुसूचित जाति के युवा

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गांधीनगर, 13 अप्रैल (हि.स.)। गुजरात सरकार राज्य में सामाजिक न्याय और उनके सशक्तिकरण को सुनिश्चित करते हुए अनुसूचित जाति वर्ग के कल्याण व उत्थान के लिए कई प्रयास कर रही है। सरकार अनुसूचित जाति वर्ग के छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को विशेष प्राथमिकता दे रही है।

गुजरात सरकार की तरफ से जारी की गई जानकारी के मुताबिक राज्य में संचालित 25 आदर्श आवासीय विद्यालयों में 1,822 अनुसूचित जाति (SC) के विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, वहीं, 79 सरकारी छात्रालयों में 4,924 विद्यार्थियों को निवास एवं भोजन की सुविधा दी जा रही है। इसके अतिरिक्त, समरस छात्रालय योजना के अंतर्गत वर्ष 2024–25 में 13,150 विद्यार्थियों को प्रवेश मिला, जिनमें 2,110 विद्यार्थी अनुसूचित जाति के विद्यार्थी हैं।

गुजरात सरकार अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को विभिन्न स्तरों पर व्यापक आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है। इसी के अंतर्गत प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत 3,57,095 छात्रों को 47.68 करोड़ रुपये की सहायता दी गई, जबकि पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत 1,54,837 छात्रों को 297.08 करोड़ रुपये का लाभ मिला। इसके अतिरिक्त, फूडबिल योजना के अंतर्गत भी 11,587 छात्रों को 17.33 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की गई, जिससे छात्र शिक्षा पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित कर सकें और उन्हें किसी प्रकार की आर्थिक बाधा का सामना न करना पड़े।

गुजरात सरकार पेशेवर शिक्षा में भी अनुसूचित जाति के युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सशक्त कदम उठा रही है। हाल ही में गुजरात सरकार ने विधि स्नातकों को आर्थिक प्रोत्साहन में को बढ़ाते हुए पहले वर्ष के लिए 7,000 रुपये, दूसरे वर्ष के लिए वर्ष 6,000 रुपये, तीसरे वर्ष के लिए 5,000 रुपये और वरिष्ठ अधिवक्ताओं को प्रति प्रशिक्षु 3,000 रुपये की आर्थिक सहायता देने के निर्णय किया है। इसी तरह मेडिकल प्रोफेशनल्स के लिए भी डॉ. पी.जी. सोलंकी योजना के अंतर्गत मेडिकल स्नातकों को मिलने वाली सहायता राशि को 50,000 से बढ़ाकर 1,00,000 रुपये कर दिया है।

गुजरात सरकार द्वारा डॉ. अम्बेडकर आवास योजना के तहत अब तक 55,329 लाभार्थियों को 238 करोड़ रुपये से अधिक की आर्थिक मदद प्रदान की जा चुकी है। हाल ही में गुजरात सरकार ने इस योजना के तहत मिलने वाली सहायता राशि में 50,000 रुपये की उल्लेखनीय वृद्धि करते हुए इसे 1,20,000 रुपये से बढ़ाकर 1,70,000 रुपये कर दिया है।

इसी तरह, अनुसूचित जाति समुदाय के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से अब वाहन, स्वरोजगार तथा उच्च शिक्षा के लिए लिए गए बैंक ऋणों पर 6% तक की ब्याज सब्सिडी प्रदान करने का महत्वपूर्ण निर्णय किया गया है। इसके साथ ही, युवाओं को सेना में भर्ती के लिए सक्षम बनाने हेतु “अग्निवीर प्रशिक्षण योजना” के अंतर्गत 150 अनुसूचित जाति युवाओं को प्रशिक्षण सहायता देने का भी महत्वपूर्ण निर्णय किया गया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय

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