(चेतावनी: इस लेख में यौन विषयों और सामग्री का उल्लेख है)
मौरा अब 43 साल की हैं और अमेरिका के ओहायो राज्य में रहती हैं. वह बताती हैं कि जब वह करीब 20 साल की थीं और बिना कंडोम के यौन संबंध बनाती थीं, तो उन्हें योनि में जलन महसूस होती थी.
मौरा (बदला हुआ नाम) के लिए अपने पार्टनर से यह बात करना आसान नहीं था. इसलिए उन्होंने इसका उपाय यह निकाला कि बिना कंडोम के संबंध बनाने के बाद वह खुद को अच्छी तरह साफ करती थीं.
उन्होंने इस दौरान साबुन से लेकर लुब्रिकेंट्स तक कई चीजें बदलीं, लेकिन सुधार की बजाय हालत और बिगड़ती गई. समय के साथ उनके शरीर पर सूजन होने लगी. ऐसा तब होता जब उनके शरीर पर सीमन लगता था.
धीरे-धीरे मौरा ने अपने पार्टनर से रिश्ता तोड़ लिया. इसके बाद उन्होंने एक ऐसे शख्स को डेट करना शुरू किया, जो कंडोम के इस्तेमाल को लेकर सतर्क था.
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मौरा ने बताया, "शुरुआत में कोई दिक्कत नहीं हुई, सब कुछ ठीक था. लेकिन एक रात, सेक्स के बाद जब हम बिस्तर पर लेटे थे, तो मैंने देखा कि मेरी जीभ अचानक सूजने लगी. मेरी हालत बिगड़ने लगी थी."
"जब मेरे पार्टनर ने देखा कि क्या हो रहा है, तो वह चिल्लाया - तुम्हारा दम घुट रहा है. उसने तुरंत मेरा इनहेलर उठा लिया. किसी तरह उसने इनहेलर मेरे मुंह के कोने में लगाया और बार-बार दबाने लगा. सौभाग्य से, मैं इतनी सांस ले पा रही थी कि दवा मेरे फेफड़ों तक पहुंच सके."
मौरा दमा और अन्य एलर्जी से भी पीड़ित हैं. उनका कहना है कि उस दिन कंडोम से रिसाव हुआ था. मौरा और उनके मौजूदा पार्टनर अब कंडोम के इस्तेमाल को लेकर पहले से कहीं ज़्यादा सतर्क रहते हैं.
वह कहती हैं कि उन्हें सीमन से एलर्जी है. उन्हें यह नहीं पता था कि सीमन से भी एलर्जी हो सकती है. हालांकि ऐसे मामले बेहद दुर्लभ होते हैं, लेकिन कुछ लोगों को दूसरों के शरीर से गंभीर इम्यून रिएक्शन हो सकते हैं.
अक्सर ग़लत समझी जाने वाली यह समस्या न सिर्फ किसी इंसान की सेहत को प्रभावित कर सकती है, बल्कि उनके कामकाज, आपसी रिश्तों और दुनिया में उनके जीने के तरीके पर भी असर डाल सकती है.
लेकिन वास्तव में ये रिएक्शन किस तरह के होते हैं और इनके पीछे की वजह क्या है, यह अब भी काफ़ी हद तक रहस्य बना हुआ है. क्या ये सच में एलर्जी होती है या कुछ और?
जैसे-जैसे वैज्ञानिक कुछ संकेतों को समझना शुरू कर रहे हैं, ये अजीब प्रतिक्रियाएं हमारे शरीर की केमिस्ट्री और मानव इम्यून सिस्टम की जटिलताओं के बारे में नई जानकारियां सामने ला रही हैं.
अक्सर, किसी दूसरे व्यक्ति के शरीर के प्रति संवेदनशीलता इस बात पर भी निर्भर करती है कि उस व्यक्ति ने अपने शरीर पर क्या उत्पाद इस्तेमाल किए हैं.
उदाहरण के तौर पर, त्वचा पर लगाए जाने वाले डिओडरेंट और आफ्टरशेव जैसे उत्पादों में कृत्रिम सुगंध हो सकती है. ऐसी 150 से अधिक गंधें हैं जिन्हें कॉन्टैक्ट एलर्जी से जोड़ा गया है.
एक मामला ब्रिटेन का है, जहां एक महिला को नट्स से एलर्जी थी. उन्होंने ऐसे पुरुष के साथ यौन संबंध बनाए थे जिसने कुछ घंटे पहले ही कई तरह के नट्स खाए थे. इसके बाद महिला को त्वचा पर चकत्ते पड़ गए और सांस लेने में भी परेशानी हुई.
हालांकि उस व्यक्ति ने अपने दांत, नाखून और त्वचा अच्छी तरह साफ किए थे, फिर भी गंभीर नट एलर्जी वाले कुछ लोगों को सिर्फ चुंबन से भी प्रतिक्रिया हो सकती है.
फल, सब्ज़ियां, समुद्री मछलियां और दूध के सेवन के बाद लार से एलर्जी के मामले भी सामने आए हैं.
ऐंटीबायोटिक से एलर्जी रखने वाली महिलाएं उन पुरुषों के साथ यौन संबंध या ओरल सेक्स के बाद रिएक्शन अनुभव करती हैं, जो ये दवाएं ले रहे होते हैं.
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सीमन में मौजूद कुछ विशेष प्रोटीन भी एलर्जी पैदा कर सकते हैं. इस स्थिति को 'सेमीनल प्लाज्मा हाइपरसेंसिटिविटी' कहा जाता है.
इसके लक्षणों में त्वचा पर खुजली, चकत्ते, और कभी-कभी तेज एलर्जिक रिएक्शन (एनाफिलेक्सिस) जैसी जानलेवा स्थिति शामिल हो सकती है.
साल 2024 की एक रिसर्च के मुताबिक, अब तक इसके 100 से कम मामले दर्ज हुए हैं और यह प्रतिक्रिया सबसे ज़्यादा 20 से 30 साल की उम्र में देखी गई है.
यह रिएक्शन अक्सर सीमन में मौजूद "प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन" नामक प्रोटीन से जुड़ा होता है. यानी एलर्जी शुक्राणु से नहीं, बल्कि सीमन में मौजूद इस प्रोटीन से होती है.
अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ सिनसिनाटी कॉलेज ऑफ मेडिसिन में एलर्जी और इम्यूनोलॉजी के प्रोफेसर जोनाथन बर्नस्टीन कहते हैं कि यह अब तक स्पष्ट नहीं है कि जिन लोगों को सीमन से एलर्जी होती है, उनके शरीर में क्या प्रतिक्रियाएं होती हैं.
बर्नस्टीन बताते हैं कि इस स्थिति पर ज़्यादा रिसर्च नहीं हो पाई है, क्योंकि न तो इसके लिए जानवरों पर परीक्षण संभव है, और न ही पर्याप्त मरीज़ मिल पाते हैं.
इस एलर्जी के लक्षण किसी एक हिस्से तक सीमित हो सकते हैं या पूरे शरीर में फैल सकते हैं. जब यह सिर्फ संपर्क वाले हिस्से तक सीमित होती है, तो आमतौर पर योनि या उसके आसपास जलन और दर्द महसूस होता है.
स्पेन के एक मामले में, एक महिला जो पहले कभी एलर्जिक नहीं थीं, यौन संबंध के बाद बेहोश हो गईं. उनकी सीमन के प्रति अत्यधिक संवेदनशीलता पाई गई. अमेरिका में एक महिला को तब भी सूजन और चकत्ते हो गए, जब सीमन उनकी त्वचा पर बिना किसी यौन संबंध के संपर्क में आया.
बर्नस्टीन बताते हैं कि एक मरीज़ ने इस अनुभव को 'हज़ारों सुइयाँ योनि में चुभोने' जैसा बताया.
इस क्षेत्र में विशेषज्ञों की संख्या बहुत कम है, इसलिए बर्नस्टीन के पास मरीज़ दूर-दराज़ से आते हैं. वह कहते हैं कि उनके इलाज से पुरुषों और महिलाओं दोनों को फ़ायदा हो सकता है.
बर्नस्टीन कहते हैं कि ज़्यादातर मरीज़ों को गंभीरता से नहीं लिया जाता या उन्हें ग़लत इलाज दिया जाता है, क्योंकि डॉक्टरों को इस एलर्जी के बारे में जानकारी नहीं होती.
पुरुष समलैंगिक समुदाय में इस एलर्जी पर कोई डेटा उपलब्ध नहीं है. बर्नस्टीन कहते हैं कि उन्होंने ऐसा कोई मामला अब तक नहीं देखा है.
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एक इलाज में, बर्नस्टीन ने महिला मरीज़ की त्वचा में उनके पार्टनर का सीमन इंजेक्ट किया ताकि शरीर की संवेदनशीलता को कम किया जा सके.
यह उसी तरह की तकनीक है जैसी पुरुषों के पोस्ट-ऑर्गैज़्मिक सिंड्रोम में इस्तेमाल की जाती है, यह एक दुर्लभ स्थिति है जिसमें पुरुषों को अपने ही सीमन से एलर्जी हो जाती है.
यह इलाज महंगा होता है क्योंकि सीमन सैंपल तैयार करने का ज़्यादातर काम प्रयोगशाला में होता है.
इस इलाज में पहले सीमन को उसके द्रव से अलग किया गया. फिर उस द्रव को दस लाख में एक हिस्से या उससे भी कम में पतला किया गया, यह मरीज़ की स्थिति पर निर्भर करता था.
इसके बाद हर 15 मिनट पर इस घोल को योनि में डाला गया. धीरे-धीरे मात्रा बढ़ाई गई. इस दौरान मरीज़ की निगरानी की गई और अंत में मरीज़ बिना किसी गंभीर प्रतिक्रिया के बिना कंडोम यौन संबंध बना सकीं.
अन्य शारीरिक तरल पदार्थ और एलर्जीसेक्स के दौरान निकलने वाले अन्य तरल पदार्थों से एलर्जी पर बहुत कम शोध उपलब्ध है.
महिलाओं की योनि से निकलने वाले 'सर्विकोवजाइनल फ्लूइड' से होने वाली एलर्जी पर तो शोध लगभग न के बराबर है.
पोलैंड की निकोलस कोपरनिकस यूनिवर्सिटी के डर्मेटोलॉजी और वेनेरोलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर जैनकोव्स्की ने बताया कि उन्हें एक ऐसा मरीज़ मिला, जिसने कई डॉक्टरों को दिखाया था लेकिन किसी ने उसे गंभीरता से नहीं लिया.
मरीज़ ने बताया कि सेक्स के करीब 30 मिनट बाद उनके प्राइवेट पार्ट में खुजली होती थी और लाल चकत्ते उभर आते थे. इसके बाद चेहरे पर भी खुजली होने लगती थी.
जैनकोव्स्की ने इसे सर्विकोवजाइनल फ्लूइड से एलर्जी माना और इलाज शुरू किया. इसके बाद मरीज़ ठीक हो गया.
इस अनुभव से प्रेरित होकर उन्होंने साल 2017 में एक अध्ययन किया. इसमें 20% डर्मेटोलॉजिस्ट ने कहा कि उन्होंने ऐसे मरीज़ देखे हैं, लेकिन ज़्यादातर ने इस स्थिति को लेकर संदेह जताया.
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यह स्थिति दोनों ही पार्टनर्स के लिए मानसिक रूप से जटिल हो सकती है.
अध्ययन में पाया गया कि पीड़ितों को सेक्स के बाद लाल चकत्ते, खुजली, जलन और सूजन की शिकायत होती है. इस आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया कि सर्विकोवजाइनल फ्लूइड से एलर्जी उतनी ही सामान्य हो सकती है जितनी सीमन से.
यह अनुमान है कि सिर्फ अमेरिका में ही हज़ारों लोग इससे प्रभावित हो सकते हैं.
मौरा का कहना है कि उनके बच्चा न करने के फ़ैसले के पीछे सीमन से रिएक्शन भी एक वजह है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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