अमेरिका के डेलावेयर के विलमिंगटन में 'क्वाड' नेताओं की बैठक में ऑस्ट्रेलिया, भारत, अमेरिका और जापान के राष्ट्राध्यक्ष शामिल हुए हैं. भारत की तरफ़ से प्रधानमंत्री मोदी ने इस बैठक में शिरकत की है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि "हमारी बैठक ऐसे समय हो रही है जब दुनिया तनाव और संघर्षों से घिरी हुई है, ऐसे में साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर क्वाड का मिलकर साथ चलना, पूरी मानवता के लिए बहुत ही ज़रूरी है."
, "हम किसी के ख़िलाफ़ नहीं हैं. हम सभी क़ानून पर आधारित एक अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान और सभी मसलों के शांतिपूर्ण ढंग से हल निकालने का समर्थन करते हैं."#WATCH | At the Quad Summit, Prime Minister Narendra Modi says "It gives me immense pleasure to participate at this QUAD Summit during my third term...Under your leadership, the first summit (QUAD) of 2021 was organised. In such a short time, we have expanded our cooperation in… pic.twitter.com/S5kcoRXtLx
— ANI (@ANI) September 21, 2024
इसके अलावा क्वाड समूह के देशों ने साझा बयान भी जारी किया है जिसमें दक्षिण चीन सागर का ज़िक्र है. इस मुद्दे पर अब तक चीन की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
BBC बीबीसी हिंदी के व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें 'साउथ चाइना सी' के मुद्दे पर चिंता @narendramodi पीएम मोदी की राष्ट्रपति बाइडन के साथ द्विपक्षीय बातचीत भी हुई हैशनिवार (भारतीय समयानुसार रविवार तड़के) को प्रधानमंत्री मोदी ने, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के गृहनगर विलमिंगटन में आयोजित क्वाड शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया है. इसके साथ ही राष्ट्रपति बाइडन के साथ उनकी द्विपक्षीय बातचीत भी हुई.
बतौर अमेरिकी राष्ट्रपति, यह जो बाइडन का आख़िरी शिखर सम्मेलन है.
क्वाड सम्मेलन के दौरान अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक की मेज़बानी के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को धन्यवाद कहा.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है, "आपके नेतृत्व में साल 2021 में क्वाड की पहली बैठक का आयोजन किया गया और इतने कम समय में हमने अपने सहयोग को हर दिशा में अभूतपूर्व तरीके से बढ़ाया है."
"इसमें व्यक्तिगत रूप से आपकी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही है. मैं क्वाड के लिए आपकी दृढ़ प्रतिबद्धता, आपके नेतृत्व और आपके योगदान के लिए आपको हृदय से धन्यवाद देता हूँ."
माना जाता है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के दबदबे को कम करने के लिए चार देशों के इस संगठन का गठन हुआ है. इस संगठन के गठन के बाद से ही लगातार ऐसे समझौते हो रहे हैं जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के प्रभाव को कम कर सकें.
बैठक के बाद क्वाड नेताओं के साझा बयान में ईस्ट और साउथ चाइना सी के हालात पर चिंता जताई गई है.
साझा बयान में कहा गया है, "हम विवादित मुद्दों के सैन्यीकरण और दक्षिणी चीन सागर में बलपूर्वक और डराने-धमकाने के लिए होने वाले युद्धाभ्यासों पर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त करना जारी रखते हैं. हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि समुद्री विवादों को शांतिपूर्वक और अंतरराष्ट्रीय क़ानून के मुताबिक़ हल किया जाना चाहिए..."
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क्वाड नेताओं ने कहा है कि "हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार करेंगे."
अपने संयुक्त बयान में क्वाड नेताओं ने सुरक्षा परिषद में प्रतिनिधित्व को बढ़ाने और इसे समावेशी, पारदर्शी, कुशल, प्रभावी, लोकतांत्रिक और जवाबदेह बनाने की फौरी ज़रूरत को समझते हुए स्थायी और अस्थायी सदस्यों की संख्या को बढ़ाने का ज़िक्र किया है.
क्वाड नेताओं के संयुक्त बयान में आतंकवाद और हिंसा की भी आलोचना की गई है.
इसमें कहा गया है, "हम आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद की हर रूप की स्पष्ट तौर से निंदा करते हैं, जिसमें सीमा पार आतंकवाद भी शामिल है. हम ऐसे आतंकवादी हमलों के अपराधियों के लिए जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम मुंबई 26/11 और पठानकोट के हमलों सहित सभी आतंकवादी हमलों की निंदा करते हैं."
ANI क्वाड सदस्यों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार को लेकर भी बात की है रूस-यूक्रेन युद्ध पर चिंताक्वाड नेताओं के संयुक्त बयान में यूक्रेन में चल रहे युद्ध पर गहरी चिंता जताई गई है.
नेताओं ने साझा बयान में कहा "हम में से हर किसी ने युद्ध शुरू होने के बाद से यूक्रेन का दौरा किया है और इसे प्रत्यक्ष रूप से देखा है. हम अंतरराष्ट्रीय क़ानून के मुताबिक़ एक व्यापक, न्यायसंगत और स्थायी शांति की ज़रूरत को दोहराते हैं."
क्वाड नेताओं के संयुक्त बयान में उत्तर कोरिया के अस्थिर करने वाले बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपणों और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कई प्रस्तावों का उल्लंघन करते हुए परमाणु हथियारों की निरंतर खोज की निंदा की गई है.
क्वाड नेताओं ने कहा है, "ये प्रक्षेपण अंतरराष्ट्रीय शांति और स्थिरता के लिए गंभीर ख़तरा पैदा करते हैं. हम उत्तर कोरिया से यूएनएससीआर के तहत अपनी सभी ज़िम्मेदारियों का पालन करने, उकसावे से बचने और ठोस बातचीत में शामिल होने का आग्रह करते हैं."
क्वाड शब्द 'क्वाड्रीलेटरल सुरक्षा वार्ता' के क्वाड्रीलेटरल (चतुर्भुज) से लिया गया है. इस समूह में भारत के साथ अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं.
क्वाड जैसा समूह को बनाने की बात पहली बार 2004 की सुनामी के बाद हुई थी जब भारत ने अपने और अन्य प्रभावित पड़ोसी देशों के लिए बचाव और राहत के प्रयास किए और इसमें अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान भी शामिल हो गए थे.
लेकिन इस आइडिया का श्रेय जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे को दिया जाता है. 2006 और 2007 के बीच आबे क्वाड की नींव रखने में कामयाब हुए और वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर पर क्वाड्रीलेटरल सुरक्षा वार्ता की पहली अनौपचारिक बैठक अगस्त 2007 में मनीला में आयोजित की गई.
द्विपक्षीय बातचीत में पीएम मोदी ने क्या कहा @narendramodi द्विपक्षीय वार्ता में जापान के प्रधानमंत्री के साथ पीएम मोदीअमेरिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापानी प्रधानमंत्री फूमिओ किशिदा के साथ भी मुलाक़ात की है. इस मुलाक़ात में दोनों नेताओं ने भारत और जापान के बीच ख़ास रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी के दस साल पूरे होने पर इसकी प्रगति पर संतोष ज़ाहिर किया है.
पीएम मोदी ने इस मुलाक़ात में बीते कुछ साल के दौरान भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को आगे बढ़ाने में अटूट समर्पण और नेतृत्व के लिए जापानी प्रधानमंत्री फूमिओ किशिदा को धन्यवाद दिया है.
इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ से भी मुलाक़ात की है.
दोनों नेताओं ने राजनीतिक, रणनीतिक, रक्षा, सुरक्षा, व्यापार, निवेश, शिक्षा और अनुसंधान में द्विपक्षीय सहयोग को मज़बूत करने पर चर्चा की है. इसके अलावा जलवायु परिवर्तन और नवीकरणीय ऊर्जा और लोगों के आपसी संबंधों जैसे व्यापक क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने की बात की गई है.
दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया है.
दोनों नेताओं ने बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग को मज़बूत करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है और भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और भी अधिक ऊंचाई पर ले जाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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