दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे को जयपुर से जोड़ने के लिए तैयार किया गया चार लेन का 67 किलोमीटर लंबा जयपुर-बांदीकुई लिंक एक्सप्रेस वे अब ट्रायल के लिए खुल गया है। पहले ही दिन इस हाईटेक एक्सप्रेस वे पर बड़ी संख्या में वाहन दौड़ते नजर आए। राहत की बात यह रही कि तकनीकी तौर पर एक्सप्रेस वे में कोई बड़ी खामी नहीं पाई गई।
हालांकि, ट्रायल के पहले दिन ही ट्रैक्टर-ट्रॉली और बाइक चालकों ने नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई। कई स्थानों पर ट्रैक्टर-ट्रॉली को एक्सप्रेस वे पर दौड़ते देखा गया, जबकि नियमों के मुताबिक ऐसे वाहनों को इस मार्ग पर चलने की अनुमति नहीं है। वहीं, कुछ बाइक सवार तेज रफ्तार में स्टंट करते भी नजर आए, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बनी रही।
नियम उल्लंघन बना चिंता का विषय
एक्सप्रेस वे को सुरक्षित, तेज और निर्बाध यातायात के लिए डिज़ाइन किया गया है, लेकिन पहले ही दिन सुरक्षा मानकों की अनदेखी ने अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है। एक्सप्रेस वे पर दोपहिया वाहनों और कृषि कार्यों के लिए बने भारी वाहनों को चलाने पर प्रतिबंध है, लेकिन इन नियमों की जानकारी की कमी और निगरानी की सीमाओं के कारण कई लोगों ने इनका पालन नहीं किया।
कई जगह लगे हैं सीसीटीवी कैमरे
सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक्सप्रेस वे पर जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिनसे ट्रैफिक की निगरानी की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि जो भी नियमों का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ इलेक्ट्रॉनिक चालान और अन्य कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सुविधाओं से लैस हाईटेक एक्सप्रेस वे
जयपुर-बांदीकुई लिंक एक्सप्रेस वे को आधुनिक तकनीक और अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत विकसित किया गया है। इसमें अत्याधुनिक साइन बोर्ड, रिफ्लेक्टर, इमरजेंसी कॉल बूथ और रेन वाटर ड्रेनेज सिस्टम जैसी सुविधाएं शामिल हैं। यह लिंक मार्ग न केवल दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे से जयपुर को सीधे जोड़ेगा, बल्कि दौसा, बांदीकुई और भरतपुर जैसे क्षेत्रों के लिए भी तेज और सुगम यातायात का माध्यम बनेगा।
प्रशासन की अपील
प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि वे नियमों का पालन करें और एक्सप्रेस वे पर निर्धारित वाहनों और गति सीमा में ही यात्रा करें। साथ ही, ट्रैक्टर, ट्रॉली और दोपहिया वाहनों को एक्सप्रेस वे से दूर रखने की चेतावनी भी दी गई है।
पहले दिन की निगरानी के आधार पर जल्द ही टोल प्रणाली को भी शुरू किया जाएगा, जिससे यह एक्सप्रेस वे स्थायी रूप से चालू हो सकेगा। फिलहाल, यह ट्रायल फेज में है और इसकी गुणवत्ता और यातायात व्यवस्था का परीक्षण किया जा रहा है।
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