मध्य प्रदेश के मंदसौर और नीमच जिले की सीमा पर स्थित गांधी सागर वन्यजीव अभ्यारण्य में चीते लाए जाएंगे। इससे पहले श्योपुर जिले के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में चीते लाए गए थे। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने यह जानकारी दी। यहां चीतों को लाने की योजना लगभग पूरी हो चुकी है। उम्मीद है कि 20 अप्रैल को चीतों को गांधी सागर वन्यजीव अभ्यारण्य में शिफ्ट कर दिया जाएगा।
चीतों को शिफ्ट करने पर चर्चा
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव और मुख्यमंत्री मोहन यादव भोपाल में दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में शामिल हुए। कार्यशाला वन संरक्षण और जलवायु अनुकूल आजीविका पर थी। कार्यशाला के बाद भूपेंद्र यादव ने पत्रकारों से बात की। उन्होंने बताया कि एनटीसीए (राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण) की बैठक में चीतों को शिफ्ट करने पर चर्चा हुई।
चीतों को गुजरात भी शिफ्ट किया जाएगा
केंद्रीय मंत्री यादव ने बताया कि आज सुबह एनटीसीए की बैठक हुई। बैठक में एनटीसीए ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की बैठक में लिए गए निर्णय पर व्यापक योजना पर चर्चा करने का निर्णय लिया। भविष्य में गुजरात के बन्नी घास के मैदानों और मध्य प्रदेश के गांधी सागर अभयारण्य में चीतों को लाने की कार्ययोजना पर भी चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री निवास पर होगी विस्तृत समीक्षा
उन्होंने यह भी बताया कि चीता परियोजना से संबंधित विस्तृत समीक्षा बैठक मुख्यमंत्री निवास पर होगी। इस बैठक में चीतों की शिफ्टिंग पर चर्चा की जाएगी।
देश में 58 टाइगर रिजर्व हैं
केंद्रीय मंत्री यादव ने आगे कहा कि अब हमारे देश में 58 टाइगर रिजर्व हैं। 58वें टाइगर रिजर्व का श्रेय मध्य प्रदेश को जाता है। यह सही मायने में टाइगर स्टेट है और यहां माधव टाइगर रिजर्व बनाया गया है। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि मध्य प्रदेश देश का एक विशेष राज्य है, जो वन, इको-टूरिज्म और सांस्कृतिक विरासत पर ध्यान केंद्रित करता है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव पर्यटन, वन और आदिवासी लोगों के विकास के लिए काम कर रहे हैं।
गांधी सागर में सभी तैयारियां पूरी
इस बीच, मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विजय शाह ने कहा कि गांधी सागर अभ्यारण्य में सभी जरूरी इंतजाम कर लिए गए हैं। जब पहली बार चीते लाए गए थे, तब विजय शाह राज्य के वन मंत्री थे। उन्होंने कहा कि जल्द ही लोगों को चीतों के वहां शिफ्ट होने की खुशखबरी मिलेगी। कूनो नेशनल पार्क में चीतों को बसाने के बाद अब गांधी सागर अभ्यारण्य को चुना गया है। यह अभ्यारण्य चीतों का नया घर होगा। सरकार चीतों के संरक्षण और विकास के लिए पूरी तरह तैयार है।
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