बूंदी में राजीव गांधी पंचायती राज संगठन ने भाजपा सरकार के खिलाफ जिला कलेक्ट्रेट के बाहर धरना दिया। बूंदी विधायक हरिमोहन शर्मा ने कहा कि कोटा से आए कुछ लोग बूंदी को अपना उपनगर बनाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पहले 64 गांव और नगरपालिका क्षेत्र पाटन को केडिया में मिलाया गया। इसके बाद बूंदी की 3000 बीघा जमीन एयरपोर्ट के लिए ले ली गई, लेकिन एयरपोर्ट में बूंदी का नाम तक नहीं जोड़ा गया। शर्मा ने कहा कि यह बूंदी की प्रतिष्ठा और सम्मान का सवाल है।
विधायक ने भाजपा सरकार पर विकास कार्यों में विफल रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बजट 2024-25 में स्वीकृत हेडपंप और बोरिंग में से 100 अभी तक नहीं लगे हैं। जनता को पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है। जिला अध्यक्ष महावीर मीना के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में आरोप लगाया कि सरकार ने राजनीतिक द्वेष से ग्राम पंचायतों और नगर निकायों का परिसीमन किया है। साथ ही ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन में भी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया गया है।
प्रदर्शन के दौरान पीसीसी सदस्य सत्येश शर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार ने लोकतंत्र और संविधान का मजाक उड़ाया है। इस प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य पंचायतों के पुनर्गठन और नगर निकायों के परिसीमन में अनियमितताओं का विरोध करना है। बूंदी विधानसभा क्षेत्र ही नहीं बल्कि पूरे बूंदी जिले में चाहे वह ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी क्षेत्र, पेयजल की स्थिति बेहद खराब है। गैस सिलेंडर की दरों में बढ़ोतरी, बिजली की दरों में बढ़ोतरी के प्रस्तावित फैसले और किसानों की समस्याओं समेत अन्य तमाम जनसमस्याओं को लेकर यह प्रदर्शन किया गया है।
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