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राजस्थान की आबोहवा में घुल रहा जहर! राज्य के ग्रीन जोन में शामिल सिर्फ ये 5 जिले, बाकियों की स्थिति चिंताजनक

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राजस्थान में इन दिनों मौसम काफी गर्म है। इसके साथ ही प्रदूषण का स्तर भी लगातार बढ़ रहा है। एक तरफ गर्मी के मौसम में तापमान बढ़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ प्रदूषण लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रहा है। प्रदेश के 29 शहरों में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 200 के करीब पहुंच गया है, जो काफी खराब है।प्रदेश में सिर्फ 5 शहर ऐसे हैं, जिनकी वायु गुणवत्ता ग्रीन जोन में मानी जाती है। बाकी सभी शहरों में प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। विशेषज्ञों के अनुसार प्रदूषण का मुख्य कारण अंदर की नमी और बाहर की तेज गर्मी है। दोनों कारणों के मेल से हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है।

हवा में बढ़ रहे धूल और सूक्ष्म कण
गर्मियों में हवा में नमी बढ़ने से वातावरण में सूक्ष्म कण और धूल की मात्रा भी बढ़ जाती है। जिससे प्रदूषण और बढ़ जाता है। तेज गर्मी के कारण वाहनों और औद्योगिक इकाइयों व वाहनों से निकलने वाले धुएं से भी प्रदूषण बढ़ रहा है। इसके अलावा निर्माण कार्य और जलवायु परिवर्तन के कारण हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है।

गर्मियों में खराब AQI का मुख्य कारण
विशेषज्ञों का मानना है कि अपने आस-पास के वातावरण को एक विशाल भट्टी की तरह समझें। गर्मियों में सूरज की रोशनी में गर्मी और विकिरण हवा को पकाते हैं। इससे एक रासायनिक सूप (ओजोन) बनता है जो अन्य प्रदूषकों, पराग और फफूंद के साथ मिलकर हवा की गुणवत्ता को खराब करता है।

प्रदूषण सांस संबंधी बीमारियों का एक बड़ा कारण है
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी हवा का असर मानव स्वास्थ्य पर बहुत गंभीर हो सकता है। लंबे समय तक प्रदूषण में रहने से सांस संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही हृदय रोग और अस्थमा जैसी समस्याएं सामने आती हैं। बच्चों, बुजुर्गों और शारीरिक रूप से कमजोर लोगों के लिए स्थिति और भी खतरनाक हो सकती है। प्रदूषण से अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें और हो सके तो घर के अंदर रहकर सुरक्षित रहें। बहुत जरूरी काम होने पर ही बाहर निकलें।

3 से 7 अप्रैल तक येलो जोन में शहर
भरतपुर, भिवाड़ी, जयपुर, जोधपुर, कोटा, अजमेर, बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, भीलवाड़ा, बीकानेर, बूंदी, चित्तौड़गढ़, चूरू, दौसा, धौलपुर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनू, करौली, नागौर, पाली, प्रतापगढ़, सवाई माधोपुर, सीकर, श्री गंगानगर और टोंक में एक्यूआई स्तर 100 से 200 के बीच दर्ज किया गया है. इसके अलावा सवाई माधोपुर शहर में प्रदूषण का स्तर 200 के पार पहुंच गया है और ऑरेंज श्रेणी में है।

सिर्फ 5 शहर ग्रीन जोन में हैं
पिछले पांच दिनों से राज्य के केवल पांच शहर ग्रीन जोन में हैं। इनमें अलवर, उदयपुर, डूंगरपुर, सिरोही, राजसमंद शामिल हैं।

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