साइबर अपराधों के प्रति लोगों को जागरूक करने और ऐसे अपराधियों के खिलाफ पुलिस-प्रशासन की सुस्ती तोड़ने के उद्देश्य से शुरू किए गए अभियान का राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में व्यापक असर हुआ। जन जागरूकता के कारण इन राज्यों में साइबर ठगी की घटनाओं में कमी आई। पुलिस, बैंकिंग और अन्य स्तरों पर लोगों को सचेत करने के लिए ठोस प्रयास भी किए गए। ऐसे प्रयास अभी भी जारी हैं और साइबर अपराधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। रक्षा कवच अभियान के प्रभाव में कई ऐसे कदम उठाए गए, जिससे साइबर अपराधों में कमी आने की उम्मीद जगी है। राजस्थान में अब 1930 नंबर पर शिकायत दर्ज कराने के लिए 27 लाइनें हैं, जो पहले सिर्फ सात थीं। पुलिस ने राज्य स्तर पर सभी थानों में साइबर हेल्प डेस्क की घोषणा की है और नया व्हाट्सएप नंबर जारी किया है।
मध्य प्रदेश में ठगी करने वालों के खाते फ्रीज करने का प्रतिशत 9.34 से बढ़कर 23 प्रतिशत हो गया है। इसका असर इस बात से समझा जा सकता है कि जहां 2024 में 285 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामलों में सिर्फ 36.06 करोड़ रुपये फ्रीज किए गए, वहीं 2025 के पहले चार महीनों में 251 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामलों में 60 करोड़ रुपये फ्रीज किए गए। छत्तीसगढ़ पुलिस ने 50 से ज्यादा साइबर जालसाजों को गिरफ्तार किया। साइबर जालसाजों को बैंक खाते उपलब्ध कराने वालों पर कार्रवाई की गई। 500 से ज्यादा संदिग्धों की भूमिका की जांच की जा रही है। साइबर सेल के अफसरों का कहना है कि साइबर ठगी का शिकार होने के बाद लोग शिकायत करने में देरी करते थे, लेकिन व्यापक अभियान के चलते बताया गया कि ठगी के बाद के शुरुआती 30 मिनट गोल्डन ऑवर होते हैं। इस दौरान शिकायत की जाए तो ठगी गई रकम बच सकती है। लोगों ने इसे अपनाया और ठगी के तुरंत बाद हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत की।
राजस्थान में असर
1- साइबर अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन, देशभर के आईआईटी संस्थानों से 17 साइबर कमांडो प्रशिक्षित, इस साल 50 और कमांडो उपलब्ध कराए जाएंगे
2- जयपुर कमिश्नरेट में साइबर हेल्प डेस्क शुरू। साइबर अपराध में मदद के लिए पीएचक्यू में दो राज्य स्तरीय व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर 9256001930 और 9257510100 शुरू किए गए हैं।
3- साइबर अपराधियों की धरपकड़ के लिए ऑपरेशन साइबर शील्ड, ऑपरेशन स्पेशल ड्राइव चलाया गया। वर्तमान में ऑपरेशन म्यूल अकाउंट (किराए पर बैंक खाते देने वालों के खिलाफ कार्रवाई) चल रहा है।
4- पुलिस ने सबसे पहले सीएलजी सदस्यों, सुरक्षा सखी और पुलिस मित्रों को प्रशिक्षित किया। 9500 स्कूल, कॉलेज और अन्य संस्थानों में 12.20 लाख लोगों को प्रशिक्षण देकर जागरूक किया गया।
राजस्थान ऑपरेशन साइबर शील्ड: तीव्र कार्रवाई
1- इस साल जनवरी में 255 एफआईआर दर्ज की गईं।
2- 540 साइबर अपराधी गिरफ्तार किए गए।
3- 135 साइबर ठग पहले से ही वांछित थे, जिन्हें गिरफ्तार किया गया।
4- साइबर अपराधियों की मदद करने वाले 315 लोगों के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई की गई।
5- 52000 मोबाइल सिम ब्लॉक किए गए।
6- 27000 मोबाइल हैंडसेट ब्लॉक किए गए।
7- चोरी हुए 5200 मोबाइल बरामद किए गए, जिनमें से 5000 मोबाइल पीड़ितों को वापस किए गए।
8- धोखाधड़ी की 8.90 करोड़ रुपये की रकम फ्रीज की गई।
मध्य प्रदेश: सिर्फ 45 दिनों में 1.10 करोड़ रुपये वापस किए गए
1- मिशन मनी बैक: साइबर सेल धोखाधड़ी की रकम वापस करवा रही है। विदिशा पुलिस ने 10 मार्च से 25 अप्रैल 2025 तक मात्र 45 दिनों में 39 मामलों में 1.10 करोड़ रुपए पीड़ितों के खातों में वापस करवाए।
2- सुरक्षित क्लिक अभियान: पुलिस के आला अधिकारियों से लेकर थानों तक सभी ने शहर, गांव और मोहल्लों को बताया कि कहां किस लिंक पर क्लिक करना है और कहां नहीं। इससे अपराध में कमी आई।
साइबर सेल ने उठाए तीन बड़े कदम
1- शमन केंद्र समन्वयक नियुक्त: अब शिकायतों पर रियल टाइम में सीधे दिल्ली से खाते फ्रीज करने की तैयारी है। ऐसा करने वाला मध्य प्रदेश देश का 8वां राज्य बना।
2- स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप का गठन: वित्तीय धोखाधड़ी को जल्द से जल्द सुलझाने के लिए 6 सदस्यीय एसओजी का गठन किया गया। बैंक अधिकारियों से भी समन्वय, जरूरत पड़ने पर देशभर में मूवमेंट।
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