जैसलमेर से गिरफ्तार सरकारी कर्मचारी शकूर खान पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में राजस्थान इंटेलिजेंस की हिरासत में है। शकूर पिछले 15 साल में सात बार पाकिस्तान गया और कुल 60 दिनों से ज्यादा समय तक वहां रहा। वह जैसलमेर के रोजगार कार्यालय में सहायक प्रशासनिक अधिकारी (एएओ) के पद पर कार्यरत था। पूछताछ में पता चला है कि शकूर ने पाकिस्तान यात्रा के दौरान आईएसआई के अधिकारियों से संपर्क किया और व्हाट्सएप के जरिए रणनीतिक सूचनाएं साझा कीं। उसके मोबाइल से पाकिस्तान दूतावास से जुड़े अधिकारियों के नंबर भी बरामद हुए हैं। कुछ चैट में उसने भारतीय लोगों के नाम और ठिकाने भी साझा किए थे।
महानिरीक्षक पुलिस सीआईडी सुरक्षा विष्णु कांत गुप्ता ने बताया कि शकूर खान की गतिविधियां काफी समय से संदिग्ध पाई जा रही थीं। इसके चलते सुरक्षा एजेंसियों की ओर से उस पर कड़ी नजर रखी जा रही थी। निगरानी के दौरान पता चला कि शकूर खान पाकिस्तान दूतावास में कार्यरत कुछ लोगों खासकर अहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश और सोहेल कमर से लगातार संपर्क में था। गौरतलब है कि दानिश को भारत सरकार पहले ही 'अवांछित व्यक्ति' घोषित कर पाकिस्तान वापस भेज चुकी है।
शकुर 10 जून तक पुलिस रिमांड पर है
राजस्थान इंटेलिजेंस और अन्य जांच एजेंसियां शकूर की हरकतों, संपर्कों और पाकिस्तान में उससे मिलने वाले लोगों की गहन जांच कर रही हैं। शकूर को 28 मई को हिरासत में लिया गया था, जिसके बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया और फिलहाल वह 10 जून तक रिमांड पर है। शकूर के मोबाइल डेटा और नंबरों के आधार पर अन्य संभावित संदिग्धों की तलाश जारी है। अब तक पांच से अधिक केंद्रीय और राज्य स्तरीय एजेंसियां उससे पूछताछ कर चुकी हैं। इसके अलावा जैसलमेर में उसके बैंक खातों, संपत्तियों और लेन-देन की जांच भी तेजी से चल रही है।
सुरक्षा एजेंसियां सतर्क
आईजी ने बताया कि शकूर खान द्वारा किया गया यह कृत्य शासकीय गोपनीयता अधिनियम 1923 के अंतर्गत आता है। उसके खिलाफ इसी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। इस गिरफ्तारी से एक बार फिर यह स्पष्ट हो गया है कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियां देश की सुरक्षा के प्रति पूरी तरह सतर्क हैं और हर संदिग्ध गतिविधि पर कड़ी नजर रख रही हैं।
विभागीय छुट्टियों की जांच कर रही एजेंसियां
जांच एजेंसियां शकूर की विभागीय छुट्टियों और विदेश यात्राओं के रिकॉर्ड की भी जांच कर रही हैं। उसने वर्ष 2000 में सरकारी नौकरी चपरासी के पद से शुरू की थी और बाद में एएओ के पद पर पदोन्नत हुआ। उसकी पदोन्नति प्रक्रिया भी अब संदेह के घेरे में है। जांच में यह भी पता चला है कि वर्ष 2008 से 2013 तक वह तत्कालीन मंत्री सालेह मोहम्मद का पीए था। शकूर पर देशद्रोह, जासूसी और सामरिक सूचनाएं लीक करने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं।