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मानसून की मेहरबानी से 50 साल बाद पानी से लबालब हुई राजस्थान की ये नदी, केन्द्रीय मंत्री ने खुद की पूजा-अर्चना

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अजमेर में मानसून की मेहरबानी से झमाझम बारिश हो रही है। पुष्कर विधानसभा क्षेत्र स्थित मानपुरा गाँव से होकर बहने वाली ऐतिहासिक रूपा (रूपन) नदी लगभग 50 वर्षों बाद अच्छी मानसूनी बारिश के कारण पूरे वेग से बह रही है। सोमवार को नदी के नए प्रवाह ने पूरे क्षेत्र को उत्साह और उल्लास से भर दिया।


केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री और अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी अपने पैतृक गाँव मानपुरा पहुँचे और ग्रामीणों के साथ नदी में पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर उनके साथ आस-पास के गाँवों के सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे। इस दौरान हर चेहरे पर मुस्कान और खुशी का माहौल देखा गया।

मौसम विभाग ने भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री भागीरथ चौधरी ने कहा कि रूपा नदी केवल एक जलधारा ही नहीं, बल्कि हमारे लोक जीवन और परंपराओं की जीवन रेखा है। इसे 50 वर्षों बाद लबालब देखना हर्ष और आस्था का विषय है। यह हमें जल संरक्षण और प्रकृति के साथ संतुलन के महत्व का संदेश देता है। नदी के प्रवाह को लेकर पूरे क्षेत्र में उत्सव का माहौल रहा। महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग सभी नदी तट पर पहुँचे और पूजा-अर्चना व उत्सव में शामिल हुए।

लोक जीवन में लूनी नदी का विशेष महत्व

उल्लेखनीय है कि रूपा नदी का उद्गम कायड़ के फूलसागर तालाब से होता है। यह नदी मानपुरा, सलेमाबाद और रूपनगढ़ होते हुए सांभर झील में मिल जाती है। स्थानीय मान्यताओं और लोक जीवन में इस नदी का विशेष महत्व है। पिछले पाँच दशकों से सूखी पड़ी इस नदी का प्रवाह देखकर ग्रामीण इसे ईश्वर की कृपा और समृद्धि का संकेत मानते हैं।

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