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अजमेर शरीफ दरगाह में है चमत्कारी दुआओं के साथ भूत-प्रेतों के रहस्यों का अजीब संगम, वीडियो में जानिए रौंगटे खड़े करने वाली घटनाएं

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राजस्थान के अजमेर शहर में स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह, जिसे आमतौर पर अजमेर शरीफ दरगाह के नाम से जाना जाता है, एक ऐसी जगह है जहां सूफी आस्था, चमत्कार और रहस्य एक साथ सांस लेते हैं। यह दरगाह न केवल श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है, बल्कि यहां से जुड़ी कुछ ऐसी रहस्यमयी और डरावनी घटनाएं भी हैं, जो इसे एक आध्यात्मिक शक्ति स्थल के साथ-साथ एक रहस्यलोक बना देती हैं।

श्रद्धा और चमत्कार का केंद्र

हर साल लाखों की संख्या में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई समेत सभी धर्मों के लोग अजमेर शरीफ की दरगाह पर चादर चढ़ाने आते हैं। मान्यता है कि यहां मांगी गई मुरादें ज़रूर पूरी होती हैं। दरगाह में ख्वाजा साहब की मजार के पास बैठकर लोग जो दिल से दुआ करते हैं, उसे अल्लाह जरूर कुबूल करता है। फिल्मी सितारे, राजनेता, उद्योगपति और आम जनता—हर वर्ग के लोग यहां आस्था लिए आते हैं।परंतु इस चमत्कारी दरगाह से जुड़े कुछ ऐसे भी किस्से हैं जो आपको सिहरने पर मजबूर कर देंगे।

जब दरगाह बनी भूत-प्रेतों से मुक्ति का स्थान

अजमेर शरीफ दरगाह सिर्फ दुआओं की नहीं, बल्कि भूत-प्रेत और ऊपरी बाधाओं से मुक्ति का भी स्थान मानी जाती है। मान्यता है कि यहां आने वाले कई लोग ऐसे होते हैं जो आत्मिक या मानसिक रूप से परेशान होते हैं—कभी अनजानी शक्तियों के प्रभाव में, तो कभी किसी तांत्रिक या जादू-टोने के असर में।ऐसे लोगों को जब दरगाह लाया जाता है, तो कई बार उनकी हरकतें बदल जाती हैं। वह चीखने-चिल्लाने लगते हैं, किसी अनजान भाषा में बोलने लगते हैं या खुद को नुकसान पहुंचाने लगते हैं। ये दृश्य डरावने तो होते हैं, लेकिन यही सबूत भी हैं कि दरगाह के परिसर में मौजूद आध्यात्मिक ऊर्जा किसी बुरी शक्ति को ज्यादा देर टिकने नहीं देती।

बुलंद दरवाज़ा और बंधे हुए लोग

दरगाह में एक खास जगह है जिसे बुलंद दरवाज़ा कहा जाता है। यहां पर बंधे हुए लोगों को अक्सर देखा गया है—ये वे लोग होते हैं जिन पर किसी आत्मा या भूत का साया बताया जाता है। इन्हें दरगाह के भीतर बांधकर कुरान शरीफ पढ़ी जाती है, और कई बार ख्वाजा साहब के नाम से फूंक भी मारी जाती है ताकि बुरी शक्ति बाहर निकल सके।स्थानीय लोगों का मानना है कि इस दरगाह के दरवाज़े के भीतर प्रवेश करते ही किसी भी बुरी शक्ति की ताकत खत्म होने लगती है। कई मामलों में देखा गया है कि यहां लाए गए व्यक्ति अचानक शांत हो जाते हैं, या फिर जोर-जोर से रोने लगते हैं। यह बदलाव दरगाह की आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रमाण माना जाता है।

दरगाह परिसर में होते हैं अजीब अनुभव

कुछ श्रद्धालुओं ने यह दावा किया है कि उन्हें दरगाह परिसर में किसी अदृश्य शक्ति की मौजूदगी का अहसास हुआ है। कभी अचानक शरीर भारी हो जाना, अचानक ठंडी हवा का झोंका लगना, या किसी की धीमी फुसफुसाहट सुनाई देना—ये सभी अनुभव आध्यात्मिक या रहस्यमयी माने जाते हैं।हालांकि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह सब मानसिक प्रभाव और वातावरण की वजह से भी हो सकता है, लेकिन जब इन अनुभवों की संख्या और प्रमाण बढ़ जाते हैं, तो बात केवल कल्पना नहीं रह जाती।

क्या ख्वाजा साहब आज भी करते हैं रक्षा?

एक पुरानी मान्यता है कि ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती आज भी लोगों की आत्मा और शरीर की रक्षा करते हैं। लोग कहते हैं कि यदि कोई सच्चे मन से दरगाह में आता है, तो चाहे वह किसी भी बाधा या डर से ग्रसित क्यों न हो, उसे राहत जरूर मिलती है।कुछ साधु और फकीर भी मानते हैं कि दरगाह में रहस्यमयी ऊर्जा का प्रवाह है, जो नकारात्मक शक्तियों को प्रवेश ही नहीं करने देती। यही कारण है कि भूत-प्रेतों से पीड़ित लोग यहां लाकर ठीक हो जाते हैं।

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