राजस्थान के बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ी खबर। राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग ने बिजली कंपनियों की टैरिफ याचिका पर आम जनता से आपत्तियां और सुझाव मांगे हैं। जनता को 19 मई तक अपनी राय देनी है।
इससे बिजली बिल बढ़ते चले गए
लेकिन परेशान करने वाली बात यह है कि पिछले सालों में आम जनता ने इसी तरह की याचिकाओं में कोई रुचि नहीं ली। आयोग के पास सिर्फ विशेषज्ञ, कंपनियां और कुछ राजनेता ही पहुंचते रहे। इससे बिजली कंपनियां अपने टैरिफ याचिका प्रस्ताव को लागू करवाने में सफल रहीं। इससे बिजली बिल भी बढ़ता चला गया।
आम जनता नहीं दिखा रही रुचि
इस बार भी आयोग ने ज्यादा से ज्यादा लोगों से आपत्तियां और सुझाव मांगे हैं। डिस्कॉम ने अपने स्तर पर सुझाव मांगे हैं, लेकिन आम जनता ने उसमें भी रुचि नहीं दिखाई।
ये है बिजली बिल बढ़ाने का प्रस्ताव…
बिजली कंपनियों की ओर से दायर टैरिफ याचिका में बिजली बिल बढ़ाने की तैयारी है। न्यूनतम बिजली खपत शुल्क 6 रुपए प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव किया गया है। जो अभी न्यूनतम 4.75 रुपए प्रति यूनिट है। इसका असर सभी श्रेणियों के उपभोक्ताओं पर पड़ेगा।
सभी उपभोक्ताओं पर 1 रुपए प्रति यूनिट का रेगुलेटरी सरचार्ज लगाया जाएगा
पहली बार सभी उपभोक्ताओं पर 1 रुपए प्रति यूनिट का रेगुलेटरी सरचार्ज लगाया जाएगा। इसके जरिए बिजली कंपनियां अपनी रेगुलेटरी एसेट के करीब 40 हजार करोड़ रुपए वसूलेंगी। इसी तरह इंडस्ट्री के अलावा अब घरेलू और कमर्शियल श्रेणी के उपभोक्ताओं को भी TOD (टाइम ऑफ द डे) में शामिल किया जाएगा।
घरेलू श्रेणी में ऊर्जा शुल्क कम करने का प्रस्ताव
हालांकि, बिजली कंपनियों ने ज्यादातर घरेलू श्रेणी में ऊर्जा शुल्क कम करने का प्रस्ताव दिया है। इसलिए उनका दावा है कि फिक्स्ड चार्ज बढ़ाने और अन्य सरचार्ज लगाने का प्रस्ताव दिया गया है। बिजली शुल्क कम करके फिक्स्ड चार्ज बढ़ाने का भी प्रस्ताव है।
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