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कृषि क्षेत्र में बेटियों को आगे लाने की पहल! सरकार दे रही है आकर्षक स्कॉलरशिप, जानें आवेदन की पूरी प्रक्रिया

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राजस्थान सरकार ने कृषि के क्षेत्र में बेटियों को बढ़ावा देने के लिए बड़ी पहल की है। अब सरकार प्रदेश की उन बेटियों को छात्रवृत्ति देगी जो दसवीं के बाद कृषि विषय लेकर आगे की पढ़ाई करना चाहती हैं। खास बात यह है कि यह छात्रवृत्ति सिर्फ 11वीं-12वीं ही नहीं बल्कि कृषि के क्षेत्र में पीएचडी तक की पढ़ाई के लिए दी जाएगी। यह योजना उन छात्राओं के लिए है जो आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से आती हैं और कृषि से जुड़े विषयों में अपना भविष्य बनाना चाहती हैं। योजना में आवेदन की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2026 तय की गई है।

सरकार की यह योजना सिर्फ राजस्थान की छात्राओं के लिए है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए छात्राएं राज्य के किसी भी सरकारी या सरकारी मान्यता प्राप्त स्कूल, कॉलेज या यूनिवर्सिटी में पढ़ती हों। आवेदन करते समय छात्राओं को मूल निवास प्रमाण पत्र और पिछली कक्षा की मार्कशीट जमा करानी होगी। योजना के तहत मिलेगी इतनी छात्रवृत्ति

अगर कोई छात्रा 10वीं के बाद 11वीं और 12वीं में कृषि विषय की पढ़ाई करती है तो उसे सालाना 15 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि मिलेगी। वहीं अगर छात्रा स्नातक स्तर पर कृषि, बागवानी, डेयरी, कृषि इंजीनियरिंग या खाद्य प्रसंस्करण जैसे विषयों में चार वर्षीय कोर्स करती है तो उसे सालाना 25 हजार रुपए की छात्रवृत्ति दी जाएगी। वहीं, श्री कर्ण नरेंद्र कृषि व्यवसाय महाविद्यालय जोबनेर में बीएससी एग्रीकल्चर या एग्री बिजनेस की पढ़ाई करने वाली छात्राओं को भी 25 हजार रुपए प्रति वर्ष की सहायता दी जाएगी, चाहे कोर्स चार साल का हो या पांच साल का। मास्टर डिग्री यानी एमएससी (कृषि) करने वाली छात्राओं को दो साल तक 25 हजार रुपए प्रति वर्ष की राशि मिलेगी। वहीं, पीएचडी करने वाली बेटियों को अधिकतम तीन साल तक 40 हजार रुपए प्रति वर्ष की छात्रवृत्ति सरकार देगी।

ऐसे कर सकते हैं आवेदन

इस योजना का लाभ लेने के लिए पात्र छात्राएं स्वयं की एसएसओ आईडी से या नजदीकी ई-मित्र केंद्र पर जाकर राज किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं। आवेदन करने के बाद संबंधित कृषि अधिकारी दस्तावेजों की जांच कर संस्था प्रधान (प्रधानाचार्य) को भेजेगा। संस्था प्रधान यानी स्कूल, कॉलेज या यूनिवर्सिटी के प्रधान छात्रा के आवेदन की जांच कर ई-साइन प्रमाण पत्र जारी करेंगे। इसमें प्रमाणित किया जाएगा कि छात्रा किस कक्षा में अध्ययनरत है और उसने दोबारा उसी कक्षा में प्रवेश लिया है या नहीं। यदि कोई गलत जानकारी पाई जाती है तो इसकी जिम्मेदारी संस्था प्रधान की होगी।

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