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सरकारी कार्यालयों में बिजली कटौती से आमजन परेशान, वैकल्पिक व्यवस्था का अभाव

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केन्द्र और राज्य सरकार की ओर से करोड़ों रुपए खर्च कर आमजन के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जाता है, लेकिन इन योजनाओं की क्रियान्विति में लगे सरकारी कार्यालयों में पर्याप्त संसाधनों का अभाव आम लोगों के लिए परेशानी का कारण बन रहा है। विशेष रूप से जब विद्युत आपूर्ति बंद होती है, तो इन कार्यालयों में काम ठप हो जाता है।

स्थानीय नागरिकों ने बताया कि सरकारी कार्यालयों में न तो इन्वर्टर लगे हैं और न ही जनरेटर की कोई वैकल्पिक व्यवस्था उपलब्ध है। इसके कारण बिजली गुल होने पर सरकारी कामकाज पूरी तरह ठप हो जाता है। कई विभागों के कार्यालय कस्बे में स्थित हैं, और दूर-दराज के गांवों से आने वाले लोग घंटों तक इंतजार करने को मजबूर होते हैं।

सरकारी अधिकारियों के अनुसार, योजनाओं का संचालन सुचारू रूप से होना चाहिए, लेकिन मौजूदा संसाधनों की कमी कार्य की गति को प्रभावित करती है। बिजली कटौती के दौरान कंप्यूटर, फोटोकॉपी मशीन और अन्य आवश्यक उपकरण बंद हो जाते हैं। इसका सीधा असर जनता को मिलने वाली सुविधाओं पर पड़ता है। लोग शिकायत करते हैं कि कई बार महत्वपूर्ण दस्तावेज जमा करने या योजनाओं का लाभ लेने के लिए उन्हें कई बार कार्यालय आना पड़ता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि सरकारी कार्यालयों में वैकल्पिक बिजली व्यवस्था न होना गंभीर समस्या है। उन्होंने सुझाव दिया कि हर कार्यालय में इन्वर्टर या जनरेटर जैसी व्यवस्था होनी चाहिए ताकि बिजली कटौती के बावजूद कामकाज जारी रह सके। इससे न केवल आमजन की सुविधा बढ़ेगी, बल्कि सरकारी योजनाओं की गति और प्रभावशीलता भी सुनिश्चित होगी।

स्थानीय लोगों ने कहा कि बिजली गुल होने पर कार्यालयों में लंबी कतारें लग जाती हैं। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए कठिनाई का कारण बनता है जो कामकाज के लिए शहर या कस्बे से बाहर से आते हैं। इसके अलावा, इस स्थिति में कर्मचारियों का मनोबल भी प्रभावित होता है और कामकाज में देरी होती है।

सरकारी विभागों को चाहिए कि वे आधुनिक तकनीकी समाधानों को अपनाएं और कार्यालयों में पर्याप्त बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था करें। इससे आमजन को लंबी प्रतीक्षा से बचाया जा सकेगा और सरकारी योजनाओं का लाभ तेजी से लोगों तक पहुँच सकेगा।

बिजली कटौती और संसाधन अभाव की समस्या केवल असुविधा ही नहीं है, बल्कि यह सरकारी सेवाओं की प्रभावशीलता पर भी प्रश्न उठाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इस ओर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो जनता का विश्वास प्रभावित हो सकता है।

इस प्रकार, बिजली कटौती और संसाधनों की कमी ने सरकारी कार्यालयों में कामकाज की प्रक्रिया को प्रभावित किया है। समय रहते इन समस्याओं का समाधान किया जाना आवश्यक है, ताकि जनता को योजनाओं का लाभ बिना किसी असुविधा के मिल सके और सरकारी सेवाएँ प्रभावी ढंग से संचालित हो सकें।

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