नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) जोधपुर ने मंगलवार को श्रीगंगानगर में एक रिहायशी इमारत के फ्लैट में छापा मारकर मेफेड्रोन एमडी ड्रग्स बनाने की लैब पकड़ी। 780 ग्राम एमडी ड्रग्स, विभिन्न रसायन और उपकरण जब्त कर दो शिक्षकों को गिरफ्तार किया गया। जब्त ड्रग्स की कीमत 2.34 करोड़ रुपये आंकी गई है।
आवासीय क्षेत्र में प्रयोगशाला
दोनों शिक्षकों ने दो माह में 15 करोड़ रुपये की पांच किलो ड्रग्स बनाई है। हैरानी की बात यह है कि रिहायशी इलाके के बीच फ्लैट में एमडी ड्रग्स बनाने की लैब चल रही थी, लेकिन स्थानीय पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक घनश्याम सोनी ने बताया कि श्रीगंगानगर के रिद्धि सिद्धि एन्क्लेव में एक अपार्टमेंट के फ्लैट में मेफेड्रोन (मिथाइलमेथकैथिनोन ड्रग्स) बनाने की गुप्त लैब चलने की सूचना मिली थी, जिसे आम तौर पर एमडी ड्रग्स कहा जाता है।
मंगलवार को छापेमारी
ब्यूरो ने मंगलवार को फ्लैट पर छापा मारा। तलाशी लेने पर लैब और ड्रग्स बनाने के उपकरण देखकर ब्यूरो के अधिकारी भी हैरान रह गए। मौके से 780 ग्राम एमडी ड्रग्स, एसीटोन, बेंजीन, सोडियम बाइकार्बोनेट, ब्रोमीन, 4-मिथाइल प्रोपियोफेनोन, आइसोप्रोपिल अल्कोहल, थाइलामाइन, एन-मिथाइल-2-पाइरोलिडोन आदि रसायन और लैब में ड्रग्स बनाने के कई उपकरण जब्त किए गए।
दोनों विज्ञान के शिक्षक, एक आरएएस की कर रहा था तैयारी
एनडीपीएस एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर श्रीगंगानगर के रायसिंह नगर निवासी मनोज पुत्र हंसराज भार्गव और साधुवाली निवासी इंद्रजीत पुत्र राजूराम बिश्नोई को गिरफ्तार किया गया। आरोपी मनोज मुकलावा वर्ष 2020 से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में विज्ञान का शिक्षक है। वहीं, इंद्रजीत एमडी पब्लिक स्कूल में फिजिक्स का शिक्षक है। वह वर्ष 2014 से 2024 तक अध्यापन और कोचिंग कर रहा है। वह आरएएस की तैयारी भी कर रहा था।
दो माह में सप्लाई की 12 करोड़ की ड्रग्स
एनसीबी की पूछताछ में सामने आया कि दोनों शिक्षकों ने ढाई माह पहले फ्लैट किराए पर लेकर गुप्त लैब बना रखी थी। जब्त केमिकल व उपकरण दिल्ली से मंगवाए गए थे। आरोपियों ने अब तक 15 करोड़ रुपए कीमत की पांच किलो ड्रग्स बनाई है। इसमें से 780 ग्राम एमडी ड्रग्स जब्त की गई। शेष 4.22 किलो ड्रग्स युवकों को सप्लाई की गई है।
रात 9.30 बजे सूचना, टीम भेजी, सुबह छापा
एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक घनश्याम सोनी का कहना है कि सोमवार रात 9.30 बजे मुखबिर ने फ्लैट में ड्रग बनाने वाली लैब संचालित होने की सूचना दी थी। शहर से बाहर होने के बावजूद फोन कर टीम गठित कर तुरंत श्रीगंगानगर भेजी गई। नतीजतन फ्लैट पर छापा मारकर लैब पकड़ी गई।
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