श्रीगंगानगर जिले के राजियासर क्षेत्र से गुजर रहे अमृतसर जामनगर एक्सप्रेस-वे हाईवे पर गुरुवार देर रात उस समय बड़ा हादसा टल गया, जब पेट्रोलियम पदार्थों से भरा एक भारी टैंकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया और टैंकर में भरा पेट्रोलियम पदार्थ सड़क पर फैलने लगा। पेट्रोलियम पदार्थों को इस तरह सड़क पर फैलता देख सड़क से गुजर रहे वाहनों को बड़ा खतरा महसूस हुआ। और सड़क से गुजर रहे वाहन चालकों ने खतरे को भांपते हुए राजियासर पुलिस को घटना की सूचना दी। पुलिस को सूचना दी गई।
घटना की सूचना मिलने के बाद राजियासर पुलिस और दमकल मौके पर पहुंची। जानकारी के अनुसार टैंकर के चार हिस्सों में कुल 28 हजार लीटर पेट्रोलियम पदार्थ भरे हुए थे। जिसमें से एक हिस्से का करीब 7 हजार लीटर पेट्रोलियम पदार्थ सड़क पर फैल गया। इससे सड़क बेहद फिसलन भरी हो गई और चारों तरफ पेट्रोलियम पदार्थों की बदबू फैल गई। इस दौरान कुछ देर के लिए यातायात पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया। स्थिति की गंभीरता को समझते हुए टैंकर चालक ने सूझबूझ दिखाते हुए तुरंत भारतमाला सड़क परियोजना के अधिकारियों को सूचित किया।
हादसे की सूचना मिलते ही थर्मल चौकी प्रभारी ओम प्रकाश मान मौके पर पहुंचे और तुरंत आसपास के दमकल कार्यालयों में सूचना भिजवाई। कुछ ही देर में दमकल की टीमें मौके पर पहुंच गई और रिसाव को नियंत्रित करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई। इसी बीच भारतमाला परियोजना के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए और स्थिति को संभालते हुए टैंकर की तरफ का पूरा यातायात रोक दिया गया और एक तरफ का यातायात डायवर्ट कर सुचारू रूप से शुरू कर दिया गया। इस रिसाव की घटना के पीछे भारतमाला पर तेल चोरी का भी शक है। तेल माफिया सड़क से गुजरने वाले वाहनों से पेट्रोलियम पदार्थ निकालकर उसे डीजल पेट्रोल या केमिकल में मिलाकर डीजल पेट्रोल के रूप में बेचते हैं। पुलिस प्रशासन समय-समय पर सड़क किनारे होटल व ढाबों के बहाने अवैध कारोबार करने वालों के खिलाफ अभियान चलाकर उन्हें सड़क किनारे से हटाता है।
क्योंकि इन ढाबों की आड़ में तेल चोरी का कारोबार चलता है। इसके साथ ही तेल माफिया ने कभी-कभी अस्थाई होटलों और ढाबों पर की जाने वाली सख्ती का भी तोड़ निकाल लिया है। अब तेल माफिया ने पिकअप वाहनों का उपयोग करना शुरू कर दिया है। राजियासर क्षेत्र में टैंकर पहुंचते ही वे टैंकर का नोजल तोड़कर उसमें से पेट्रोलियम पदार्थ चुरा लेते हैं और उसे वापस पिकअप में सड़क किनारे रखे ड्रम या टैंक में वेल्ड कर देते हैं। निकाली गई मात्रा के अनुसार वे वापस टैंकर में पानी या निम्न गुणवत्ता वाला ज्वलनशील पेट्रोलियम पदार्थ भर देते हैं।
फिर 40 से 60 रुपए प्रति लीटर वाले इस तेल को टैंकर से निकाला गया असली पेट्रोल डीजल बताकर 80 से 100 रुपए में पेट्रोल डीजल बताकर बेच देते हैं। इस तरह तेल चोर माफिया प्रतिदिन हजारों लाखों रुपए की चोरी कर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। और पुलिस प्रशासन सब कुछ जानते हुए भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा है, जिससे पुलिस गश्त और हाईवे पेट्रोलिंग टीम पर सवाल उठना स्वाभाविक है। सड़क किनारे वाहनों के रुकने से कई जानलेवा हादसे भी हो चुके हैं।
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