
जयपुर। राज्य मानवाधिकार आयोग ने उदयपुर के रवीन्द्रनाथ टैगोर मेडिकल कॉलेज के पीजी हॉस्टल में वाटर कूलर से करंट लगने पर रेजीडेंट डॉक्टर की मौत के मामले में तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब की है। आयोग ने मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य, एसएमएस मेडिकल कॉलेज, स्थानीय कलेक्टर, एसपी और राजस्थान मेडिकल काउंसिल सहित पोस्टमार्टम करने वाली दोनों मेडिकल टीमों से 9 जुलाई तक तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने को कहा है। आयोग अध्यक्ष जस्टिस जीआर मूलचंदानी ने यह आदेश प्रकरण में प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट्स पर कार्रवाई करते हुए दिए।
आयोग ने अपने आदेश में कहा कि मेडिकल कॉलेज प्रशासन का यह दायित्व बनता है कि वह प्रत्येक छात्र की सुरक्षा व खाने-पीने की उचित व्यवस्था करें, लेकिन यह मेडिकल कॉलेज इसमें स्पष्ट रूप से असफल रहा है। आयोग ने कहा कि उत्तरदायित्व से बचने के लिए मृतक चिकित्सक की प्रथम पोस्टमार्टम रिपोर्ट और द्वितीय पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण अलग-अलग बताया गया है। इसके लिए दोषी चिकित्सकों के खिलाफ राजस्थान मेडिकल काउंसिल की ओर से अनुशासनात्मक कार्रवाई करके संबंधित मेडिकल कॉलेज के प्रशासन द्वारा आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने का मामला भी बनता है। ऐसा लगता है की इन बिंदुओं पर स्थानीय प्रशासन, रवीन्द्रनाथ टैगोर मेडिकल कॉलेज और एसएमएस मेडिकल कॉलेज के उत्तरदायी अधिकारियों की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई, जो दुखद है।
You may also like
हेडिंग्ले से कुछ घंटे की दूरी पर लंदन में हुआ पूर्व भारतीय दिग्गज क्रिकेटर का निधन, शोक में डूबी टीम इंडिया
पति पत्नी का' तलाक करवा देती है ये बातें, आचार्य चाणक्य से सीखे शादीशुदा रिश्ते को बचाने के जरुरी टिप्स
चाणक्य के अनुसार' अच्छी चरित्र वाली महिलाओं में होती है ये 3 गुण. देखते ही करें पहचान
जिन घर की' महिलाओं में यह 4 गुण होते हैं वहां हमेशा लक्ष्मी वास करती है
Panchayat Season 4: चुनावी नाटक और दिलचस्प मोड़