मुंबई। भारतीय मौसम विभाग ने रविवार को मुंबई, विदर्भ, कोंकण और पश्चिमी महाराष्ट्र में मूसलाधार बारिश की संभावना जताई है। रत्नागिरी और रायगढ़ में नदियां खतरे के निशान को पार कर गई हैं इसलिए जिला प्रशासन ने निचले इलाकों में बसे लोगों को सुरक्षित स्थलों पर जाने की अपील की है। मुंबई और उसके उपनगरों में कल रात से भारी बारिश जारी है। इससे निचले इलाकों में जलभराव हो गया है, नगर निगमकर्मी जलनिकासी का काम कर रहे हैं। साथ ही मछुआरों को समुद्र में न जाने की चेतावनी भी जारी की गई है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने रविवार को बताया कि मुंबई के क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने आज से 21 अगस्त के बीच राज्य में गरज के साथ भारी बारिश की संभावना है। जिसमें कोंकण और मध्य महाराष्ट्र के घाट क्षेत्र, पश्चिम महाराष्ट्र में अत्यधिक भारी बारिश के साथ भारी बारिश की संभावना है। जबकि मराठवाड़ा में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। जिसमें बिजली गिरने, गरजने और 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है। रायगढ़ जिले में अंबा नदी खतरे के निशान को पार कर गई है। साथ ही, रत्नागिरी जिले में कुंडलिका नदी और जगबुड़ी व कोडावली नदियाँ चेतावनी के निशान को पार कर गई हैं और नागरिकों को इसकी सूचना दे दी गई है। जिला प्रशासन द्वारा नागरिकों को बाढ़ की स्थिति से सुरक्षित रहने के निर्देश दिए गए हैं। उनसे सावधानी बरतने का आग्रह किया गया है।
वाशिम जिले में लगातार तीसरे दिन बारिश जारी है जिससे नदियाँ और नाले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। वाशिम के कोंडाला झामरे क्षेत्र में अचानक आई बाढ़ में 40 जानवरों के बह जाने की घटना घटी। इनमें से 10 से 15 जानवर मिल गए हैं जबकि अन्य जानवर अभी भी लापता हैं। यवतमाल जिले में सुबह से हो रही भारी बारिश के कारण ईसापुर बांध में पानी का भारी प्रवाह हो गया है। परिणामस्वरूप, ईसापुर बांध के 9 गेट 50 सेंटीमीटर तक खोल दिए गए। शेम्बलपिंपरी के पास पैनगंगा नदी पर बने पुल पर पानी भर जाने के कारण पुसद-हिंगोली राज्य मार्ग यातायात के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। जलगांव के धरणगांव शहर में धरणी नाले में लगातार दूसरे दिन बाढ़ आ गई है, जिससे इलाके में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। आधी रात से शुरू हुई भारी बारिश के कारण नाले ने नदी जैसा रूप ले लिया है और तटबंध न होने के कारण बाढ़ का पानी तेज़ गति से दुकानों और घरों में घुस गया है।
17 से 20 अगस्त के बीच कोंकण तट पर 50-60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से हवाएँ चलेंगी और समुद्र में उथल-पुथल रहेगी और मछुआरों से इस दौरान समुद्र में जाने से बचने का आग्रह किया गया है। इस बीच, आपदाओं से सतर्क रहने के लिए सचेत ऐप के ज़रिए नागरिकों को अलर्ट संदेश भेजे जा रहे हैं। आपदा के संबंध में प्रशासन ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल को आपात स्थिति के लिए सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।
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