श्रीनगर, 19 जुलाई (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए कांग्रेस द्वारा अपना अभियान तेज़ करने के बीच पार्टी ने आज आरोप लगाया कि पुलिस ने विभिन्न ज़िलों से उसके कार्यकर्ताओं को श्रीनगर जाते समय रोक दिया जहाँ एक बड़ा विरोध मार्च आयोजित किया जा रहा है।
विरोध प्रदर्शन से पहले जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अध्यक्ष तारिक कर्रा ने कहा कि विभिन्न ज़िलों से मार्च में शामिल होने जा रहे लोगों को अलग-अलग रास्तों पर रोका गया।
कर्रा ने श्रीनगर में संवाददाताओं से कहा कि उन्हें श्रीनगर स्थित कांग्रेस मुख्यालय तक पहुँचने की अनुमति नहीं दी जा रही है जहाँ से मार्च शुरू होना है। उन्होंने कहा कि यह प्रशासन का एक अलोकतांत्रिक कृत्य है और दिखाता है कि वह घबराए हुए हैं।
कर्रा, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव जी.ए. मीर और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा पूरी तरह बहाल करने की माँग को दोहराने के लिए दोपहर के आसपास श्रीनगर में एक शांतिपूर्ण जुलूस का नेतृत्व करने की योजना बना रहे हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता ने बताया कि पार्टी ने कहा कि मार्च संभागीय आयुक्त कार्यालय में समाप्त होगा जहाँ वरिष्ठ नेता जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल के माध्यम से प्रधानमंत्री को सौंपने के लिए संभागीय आयुक्त को एक ज्ञापन सौंपेंगे।
यह विरोध प्रदर्शन केवल श्रीनगर तक ही सीमित नहीं होगा बल्कि कांग्रेस जम्मू में भी विरोध प्रदर्शन करने और संसद के मानसून सत्र शुरू होने के एक दिन बाद 22 जुलाई को दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना देने की योजना बना रही है।
एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि राज्य का दर्जा बहाल करने का अभियान कई महीनों से चल रहा है और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के संयुक्त पत्रों ने इस आंदोलन में नई गति ला दी है।
यह विरोध प्रदर्शन पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मुद्दे पर शीघ्र कार्रवाई करने का आग्रह करने के कुछ ही दिनों बाद हुआ है।
खड़गे और राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री से संसद के आगामी मानसून सत्र में जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए विधेयक पेश करने की अपील ने क्षेत्र के राजनेताओं में आशा की एक नई लहर पैदा कर दी है।
5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद, जम्मू और कश्मीर से उसका विशेष दर्जा छीन लिया गया और उसे केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया गया। तब से राजनीतिक दल लगातार राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग कर रहे हैं।
(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह
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