New Delhi, 06 नवंबर (Udaipur Kiran) . Indian जनता पार्टी (भाजपा) के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी (आआपा) के संयोजक अरविंद केजरीवाल के बनाए गए ‘स्कूल ऑफ एक्सीलेंस’ को लेकर तीखा प्रहार किया. उन्होंने कहा कि ये स्कूल वास्तव में ‘स्कूल ऑफ छलावा’ साबित हुए, क्योंकि इनसे 12वीं पास करने वाले छात्रों को उच्च शिक्षा में दाखिले के लिए भटकना पड़ता था.
दिल्ली सरकार के इस निर्णय का स्वागत करते हुए सचदेवा ने बताया कि इन 37 स्कूलों को नया दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजूकेशन (डीबीएसई) से अलग कर विश्वस्तरीय सीबीएसई बोर्ड से पुनः जोड़ दिया गया है.
वीरेंद्र सचदेवा ने प्रेस वक्तव्य जारी कर कहा कि निवर्तमान अरविंद केजरीवाल सरकार ने दस साल के शासन में जो स्कूल ऑफ एक्सीलेंस नाम से सिर्फ 37 स्कूल बनाए, वो खुद में एक छलावा था. सच यह है कि केवल 6 नए स्कूल ही बनाए गए, शेष 31 पुराने सीबीएसई से जुड़े राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय थे, जिनका नाम परिवर्तन कर दिया गया.
उन्होंने आरोप लगाया कि खुद को
‘शिक्षा मित्र’ बताने वाले केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने राजनीतिक दुराग्रह से एक नया स्थानीय डीबीएसई बोर्ड बनाया और इन स्कूलों को इससे जोड़कर छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया. अलग बोर्ड से पंजीकृत होने के कारण इन स्कूलों को अधिकांश विश्वविद्यालयों से मान्यता नहीं मिली, जिससे छात्रों को कहीं एडमिशन नहीं मिल पाता था.
उन्होंने सीबीएसई को विश्वविख्यात शिक्षा Examination बोर्ड बताते हुए कहा कि देशभर और कुछ विदेशी देशों के स्कूल भी इसके पाठ्यक्रम का अनुसरण करते हैं.
दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष ने आआपा नेताओं से अपील की बेहतर होगा कि आम आदमी पार्टी के नेता ओछी बयानबाजी करने की जगह छात्र हित में सीएम स्कूलों के सीबीएसई से पंजीकरण का स्वागत करें.
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(Udaipur Kiran) / माधवी त्रिपाठी
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