जम्मू, 28 सितंबर (Udaipur Kiran News) . डोगरी संस्था, जम्मू ने कुंवर वियोगी सभागार, डोगरी भवन, कर्ण नगर में एक साहित्यिक समारोह का आयोजन कर दिवंगत कवयित्री संतोष खजूरिया के डोगरी कविता संग्रह “सड़क” का लोकार्पण किया. इस अवसर पर बड़ी संख्या में साहित्यकारों, विद्वानों, कवियों और डोगरी भाषा एवं संस्कृति प्रेमियों ने भाग लिया. समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में जम्मू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. आर. डी. शर्मा ने भाग लिया. उन्होंने संतोष खजूरिया को याद करते हुए कहा कि “सड़क” उनकी संवेदनशीलता और समाज के प्रति गहरी चिंता को दर्शाने वाला संग्रह है. उन्होंने कहा कि भले ही कवयित्री अब हमारे बीच नहीं हैं, किंतु उनकी कविताएँ पाठकों के मन में सदैव जीवित रहेंगी.
कार्यक्रम की अध्यक्षता डोगरी संस्था की उपाध्यक्ष एवं प्रख्यात विद्वान प्रो. वीणा गुप्ता ने की. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि संतोष खजूरिया की कविताएँ जीवन के सुख-दुख और यथार्थ को अत्यंत सरलता और गहराई के साथ प्रस्तुत करती हैं. यह संग्रह केवल कविताओं का संकलन नहीं बल्कि शब्दों की शक्ति में उनके विश्वास का प्रतीक भी है. इस अवसर पर कवयित्री के पुत्र रोहित खजूरिया (सेवानिवृत्त जेकेएएस) और पुत्रवधू वंदना शर्मा ने उनके साहित्यिक योगदान को याद किया. वरिष्ठ लेखक अशोक खजूरिया ने पुस्तक पर अपना आलेख प्रस्तुत किया, जबकि कार्यक्रम का संचालन कवि सुशील बेगाना ने किया.
डोगरी संस्था जम्मू के महासचिव राजेश्वर सिंह ‘राजू’ ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए कहा कि “सड़क” का विमोचन केवल एक साहित्यिक आयोजन नहीं बल्कि दिवंगत कवयित्री के प्रति श्रद्धांजलि है. समारोह में कवयित्री के परिवार की उपस्थिति ने अवसर को और भी भावुक बना दिया. कार्यक्रम में डोगरी साहित्य से जुड़े अनेक लेखक, कवि और प्रशंसक मौजूद रहे.
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
You may also like
IND vs WI, 1st Test: शुभमन सेना के लिए आसान नहीं होगी कैरेबियाई चुनौती, नए जोश से मैदान पर उतरेगी वेस्टइंडीज
Weather Update: दशहरे की छुट्टियों में बदलेगा मौसम का मिजाज, भारी बारिश और तेज हवाओं को लेकर IMD का पूर्वानुमान जारी
रजस्थान में मदन दिलावर ने डोटासरा पर बोला तीखा हमला, बोले - 'कांग्रेस शासन में खुलेआम चलता था पैसा....'
सीयूजे में व्यख्यान का आयोजन : महाराजा हरी सिंह के भारत में विलय के निर्णय का गहन विश्लेषण
श्रीरामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी की बड़ी उपलब्धि, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की शीर्ष दो फीसद वैज्ञानिकों की सूची में शामिल हुए दो प्रोफेसर