शिमला, 19 जुलाई (Udaipur Kiran) । मौसम विभाग ने अगले चार दिनों के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इससे राज्य में फिर से जनजीवन पर संकट गहराने की आशंका है। मौसम विभाग के अनुसार 20 जुलाई को प्रदेश के कुछ इलाकों में भारी बारिश, तेज़ हवाओं और बादलों की गड़गड़ाहट के साथ बिजली गिरने की संभावना है। इसके लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। 21 और 22 जुलाई को ऑरेंज अलर्ट के तहत बहुत ज्यादा भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। 23 जुलाई को फिर येलो अलर्ट रहेगा, जबकि 24 और 25 जुलाई को भी बारिश की संभावना जताई गई है। हालांकि इन दिनों के लिए कोई विशेष चेतावनी नहीं दी गई है।
हिमाचल प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में शनिवार को बादलों की आवाजाही और कहीं-कहीं खिली धूप से लोगों को थोड़ी राहत जरूर मिली, लेकिन राहत ज्यादा दिन टिकने वाली नहीं है। पिछले दिनों हुई भीषण बारिश से भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं ने प्रदेश के बुनियादी ढांचे को बुरी तरह नुकसान पहुंचाया है और इसका असर अब तक जारी है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार प्रदेशभर में भूस्खलन के चलते 231 सड़कें अभी भी बंद हैं। सबसे ज्यादा मंडी जिले में 153 सड़कें ठप पड़ी हैं, जिनमें सिराज क्षेत्र की 114 सड़कें शामिल हैं। यहां 30 जून को बादल फटने की 12 घटनाओं से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था। कुल्लू में 39, सिरमौर में 26 सड़कें अब भी बाधित हैं। सिरमौर जिले में नेशनल हाईवे 707 (पांवटा साहिब-शिलाई) फिर से अवरुद्ध हो गया है। इसके अलावा राज्य में 41 बिजली ट्रांसफार्मर और 56 पेयजल योजनाएं भी बंद पड़ी हैं, जिनमें सबसे ज्यादा असर मंडी में देखा जा रहा है जहां 35 ट्रांसफार्मर और 43 पेयजल योजनाएं ठप हैं।
मानसून की मार से हिमाचल को करीब 1230 करोड़ का नुकसान पहुंचा है। सबसे ज्यादा नुकसान लोक निर्माण विभाग को हुआ है, जिसे 552 करोड़ की क्षति का अनुमान है। जल शक्ति विभाग को 438 करोड़ का नुकसान हुआ है। प्राकृतिक आपदाओं से 377 घर, 264 दुकानें और 941 गौशालाएं पूरी तरह तबाह हो चुकी हैं, जबकि 742 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। अकेले मंडी जिले में हालात सबसे भयावह हैं जहां 350 घर, 241 दुकानें और 767 गौशालाएं पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं और 550 घर आंशिक रूप से प्रभावित हुए हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 20 जून से अब तक बारिश जनित हादसों में 116 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 34 लोग अब भी लापता हैं और 209 लोग घायल हुए हैं। सबसे ज्यादा 21 मौतें मंडी जिले में हुई हैं जहां 27 लोग अब भी लापता हैं। इसके अलावा कांगड़ा में 19, कुल्लू में 14, ऊना, सोलन, हमीरपुर और चंबा में 9-9, तथा शिमला और बिलासपुर में 8-8 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।
कृषि और पशुपालन क्षेत्र भी इस आपदा से अछूते नहीं रहे। प्रदेश में अब तक 21,500 पोल्ट्री पक्षी और 1266 पालतू पशु मारे जा चुके हैं। मानसून सीजन में अब तक बादल फटने की 22 घटनाएं, अचानक बाढ़ की 32 घटनाएं और भूस्खलन की 19 घटनाएं रिकॉर्ड की गई हैं।
बीते 24 घण्टों में हमीरपुर में 13 मिमी, कसौली और जुब्बड़हट्टी में 5-5 मिमी, कोठी और सलापड़ में 4-4 मिमी बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने लोगों को नदी-नालों से दूर रहने, यात्रा के दौरान सावधानी बरतने और मौसम अपडेट पर नजर रखने की अपील की है। राज्य सरकार और जिला प्रशासन भी अलर्ट पर हैं और आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य चलाए जा रहे हैं।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
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