New Delhi, 09 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . आम आदमी पार्टी (आआपा) के नेता एवं दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में आआपा के नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने पिछले 11 दिनों से जारी एमटीएस और डीबीसी कर्मचारियों की हड़ताल पर गुरुवार को गंभीर चिंता जताई. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार कर्मचारियों की जायज मांगों को अनदेखा कर रही है.
अंकुश नारंग ने कहा कि सरकार इन कर्मचारियों से संबंधित निजी विधेयक ला रही है, जबकि इसे आयुक्त के माध्यम से ही पेश किया जाना चाहिए था. उन्होंने यह भी बताया कि जब 212 कर्मचारियों को 27,900 रूपये बेसिक सैलरी और डीए मिल रहा है, तो बाकी 5,000 कर्मचारियों को यह क्यों नहीं दिया जा सकता.
स्थायी समिति की बैठक में भाजपा ने दिल्ली में बढ़ते डेंगू और मलेरिया के मामलों पर चर्चा कराने से भी इन्कार कर दिया. नारंग ने कहा कि इस साल दिल्ली में 430 मलेरिया के मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 60 केवल पिछले सप्ताह ही दर्ज हुए.
अंकुश नारंग ने बताया कि कर्मचारियों की मांगों से सभी जानते हैं फिर भी हड़ताल जारी है. उन्होंने 2 सितंबर, 12 सितंबर और 26 सितंबर को कर्मचारियों की मांगों को पत्र के माध्यम से दोहराया. आम आदमी पार्टी के 91 पार्षदों के हस्ताक्षर वाला पत्र भी महापौर, आयुक्त और म्युनिसिपल सेक्रेटरी को भेजा गया, जिसमें विशेष सदन बुलाने की मांग की गई थी.
नारंग ने कहा कि एमटीएस और डीबीसी कर्मचारी पिछले 25-30 वर्षों से सेवा दे रहे हैं. वे धूप, बारिश या आंधी में आठ-आठ घंटे भूख हड़ताल पर बैठते हैं. उनकी मुख्य मांगें हैं- एक समान वेतन, मेडिकल सुविधाएं, अर्जित अवकाश और असामयिक मृत्यु की स्थिति में उनके परिवार को करुणामूलक आधार पर नौकरी.
अंकुश नारंग ने हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों के समर्थन में कहा कि दिल्ली की जनता और कर्मचारियों की मांगों को सरकार गंभीरता से नहीं ले रही.
इस पत्रकार वार्ता में आम आदमी पार्टी के स्थायी समिति के सदस्य प्रवीण कुमार, दौलत पवार, मोहिनी जीनवाल, राफिया माहिर और आमिर मलिक मौजूद रहे.
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(Udaipur Kiran) / माधवी त्रिपाठी
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