जिले के मुशहरी अंचल में परिमार्जन की शिकायत लेकर पहुंचे एक युवक के साथ कथित तौर पर चैंबर में बंद कर मारपीट करने का मामला सामने आया है। युवक ने स्थानीय सीओ और राजस्व अधिकारी पर आरोप लगाया कि उनके द्वारा उसे पीटा गया, जबकि पुलिस और अधिकारी आरोपों को खारिज कर रहे हैं।
युवक का कहना है कि वह ऑनलाइन जमाबंदी को लेकर परेशान था और इस समस्या का समाधान कराने के लिए अधिकारियों से मिलने आया था। लेकिन जब उसने अपनी शिकायत रखी, तो उसे चैंबर में बंद कर मारपीट की गई। युवक ने यह भी बताया कि उसकी शिकायत के बाद जनता दरबार में भी हंगामा हुआ और अन्य लोग भी इस घटना के विरोध में आवाज़ उठाने लगे।
सीओ ने मीडिया से बातचीत में आरोपों को नकारते हुए कहा कि सभी दावे निराधार हैं और अधिकारियों ने किसी भी तरह का हिंसक व्यवहार नहीं किया। उन्होंने कहा कि घटना की पूरी जांच करवाई जाएगी और यदि कोई दोषी पाया गया तो कार्रवाई होगी।
स्थानीय लोग इस घटना से सकते में हैं। उनका कहना है कि प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है ताकि लोग अपनी समस्याओं को लेकर सुरक्षित तरीके से अधिकारियों तक पहुँच सकें। जनता दरबार जैसे मंच पर भी यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि विवाद और हंगामा न पैदा हो।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऑनलाइन जमाबंदी और भूमि संबंधी शिकायतों में अक्सर जनता को भ्रम और परेशानी होती है। ऐसे मामलों में अधिकारियों को अधिक पारदर्शी और सहयोगी रवैया अपनाना चाहिए ताकि विवाद पैदा न हो।
जिला प्रशासन ने कहा कि घटना की जांच के लिए टीम गठित की गई है। आरोपी अधिकारियों और संबंधित कर्मचारियों से पूछताछ की जाएगी। इसके अलावा, जनता से अपील की गई है कि वे किसी भी मामले में अफवाहों पर भरोसा न करें और कानूनी प्रक्रिया का पालन करें।
घटना ने प्रशासन और जनता के बीच भरोसे को चुनौती दी है। स्थानीय सामाजिक संगठन भी इस मामले की निगरानी कर रहे हैं और सभी पक्षों को शांति बनाए रखने की सलाह दे रहे हैं।
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