पटना: बिहार की राजनीति में राजद विधायक मुन्ना यादव के एक बयान से बवाल मच गया है। उन्होंने सवर्णों के खिलाफ टिप्पणी की, जिससे विवाद खड़ा हो गया है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब राजद 2025 के चुनाव के लिए सभी वर्गों को साथ लेकर चलने की कोशिश कर रही है। माना जा रहा है कि इस बयान से पार्टी की रणनीति पर असर पड़ सकता है।
'मिश्रा, सिंह, झा, शर्मा का कोई गुजारा नहीं'
दरअसल, मीनापुर से राजद विधायक राजीव कुमार उर्फ मुन्ना यादव ने 18 जुलाई को एक भाषण दिया। इसमें उन्होंने सवर्णों को लेकर विवादित बातें कहीं। उन्होंने कहा कि अब मिश्रा, सिंह, झा, शर्मा का कोई गुजारा नहीं है। ये सब बैकफुट पर हैं। जब भी बिहार की गद्दी पर कोई बैठेगा, वह बहुजन ही होगा। मुन्ना यादव के कहने का मतलब ये है कि अब सवर्णों का समय नहीं है और बिहार में हमेशा बहुजन समाज का ही मुख्यमंत्री बनेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सवर्णों की औकात बिहार में क्या है, सब जान गए हैं।
वीडियो सोशल मीडिया में वायरल
इस बयान के बाद विपक्ष ने मुन्ना यादव पर हमला बोल दिया। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो गया। मुन्ना यादव ने प्रशांत किशोर की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर, तेजस्वी यादव को नौवीं फेल कहते हैं। वे चाहते हैं कि जगन्नाथ मिश्रा जैसा मुख्यमंत्री बने। लेकिन अब वैसे दिन नहीं आएंगे। मुन्ना यादव ने लालू प्रसाद को सामाजिक न्याय का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि लालू यादव ने ही बहुजन की सत्ता की धारा बनाई है।
'A to Z' पार्टी बनना चाहती आरजेडी
बता दें कि राजद 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले ‘A to Z पार्टी’ बनना चाहती है। वह सभी जातियों और धर्मों के लोगों को साथ लेकर चलना चाहती है। लेकिन मुन्ना यादव के इस बयान के बाद कई सवाल उठने लगे हैं। सियासी पंडितों का कहना है कि आरजेडी विधायक का यह बयान राजद की रणनीति का हिस्सा हो सकता है। पार्टी अपने वोटरों को यह संदेश देना चाहती है कि वह बहुजन समाज के साथ है। लेकिन इस तरह के बयानों से पार्टी की साख पर असर पड़ सकता है।
Video
मुन्ना यादव ने दी सफाई
विवाद बढ़ने के बाद मुन्ना यादव ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी जातीय टिप्पणी नहीं की। उनकी बातों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि जैसे भगवान कृष्ण को माखन चोर कहकर प्रताड़ित किया गया, वैसे ही लालू यादव को चारा चोर कहा गया। लेकिन हम विचलित नहीं होते।
आरजेडी से दूर हो सकते है सवर्ण वोटर
मुन्ना यादव के बयान से राजद को सवर्णों को लुभाने में मुश्किल हो सकती है। बहुजन समाज में इस बयान से खुशी हो सकती है, लेकिन सवर्ण मतदाता नाराज हो सकते हैं। अगर पार्टी ने जल्दी से इस पर सफाई नहीं दी, तो चुनाव में नुकसान हो सकता है। अब देखना यह है कि यह बयान सिर्फ एक गलती थी या किसी रणनीति का हिस्सा। इसका जवाब आने वाले समय में पता चलेगा।
'मिश्रा, सिंह, झा, शर्मा का कोई गुजारा नहीं'
दरअसल, मीनापुर से राजद विधायक राजीव कुमार उर्फ मुन्ना यादव ने 18 जुलाई को एक भाषण दिया। इसमें उन्होंने सवर्णों को लेकर विवादित बातें कहीं। उन्होंने कहा कि अब मिश्रा, सिंह, झा, शर्मा का कोई गुजारा नहीं है। ये सब बैकफुट पर हैं। जब भी बिहार की गद्दी पर कोई बैठेगा, वह बहुजन ही होगा। मुन्ना यादव के कहने का मतलब ये है कि अब सवर्णों का समय नहीं है और बिहार में हमेशा बहुजन समाज का ही मुख्यमंत्री बनेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सवर्णों की औकात बिहार में क्या है, सब जान गए हैं।
वीडियो सोशल मीडिया में वायरल
इस बयान के बाद विपक्ष ने मुन्ना यादव पर हमला बोल दिया। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो गया। मुन्ना यादव ने प्रशांत किशोर की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर, तेजस्वी यादव को नौवीं फेल कहते हैं। वे चाहते हैं कि जगन्नाथ मिश्रा जैसा मुख्यमंत्री बने। लेकिन अब वैसे दिन नहीं आएंगे। मुन्ना यादव ने लालू प्रसाद को सामाजिक न्याय का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि लालू यादव ने ही बहुजन की सत्ता की धारा बनाई है।
'A to Z' पार्टी बनना चाहती आरजेडी
बता दें कि राजद 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले ‘A to Z पार्टी’ बनना चाहती है। वह सभी जातियों और धर्मों के लोगों को साथ लेकर चलना चाहती है। लेकिन मुन्ना यादव के इस बयान के बाद कई सवाल उठने लगे हैं। सियासी पंडितों का कहना है कि आरजेडी विधायक का यह बयान राजद की रणनीति का हिस्सा हो सकता है। पार्टी अपने वोटरों को यह संदेश देना चाहती है कि वह बहुजन समाज के साथ है। लेकिन इस तरह के बयानों से पार्टी की साख पर असर पड़ सकता है।
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मुन्ना यादव ने दी सफाई
विवाद बढ़ने के बाद मुन्ना यादव ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी जातीय टिप्पणी नहीं की। उनकी बातों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि जैसे भगवान कृष्ण को माखन चोर कहकर प्रताड़ित किया गया, वैसे ही लालू यादव को चारा चोर कहा गया। लेकिन हम विचलित नहीं होते।
आरजेडी से दूर हो सकते है सवर्ण वोटर
मुन्ना यादव के बयान से राजद को सवर्णों को लुभाने में मुश्किल हो सकती है। बहुजन समाज में इस बयान से खुशी हो सकती है, लेकिन सवर्ण मतदाता नाराज हो सकते हैं। अगर पार्टी ने जल्दी से इस पर सफाई नहीं दी, तो चुनाव में नुकसान हो सकता है। अब देखना यह है कि यह बयान सिर्फ एक गलती थी या किसी रणनीति का हिस्सा। इसका जवाब आने वाले समय में पता चलेगा।
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