कांकेर: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित कांकेर जिले में एक बेहद ही खूबसूरत तस्वीर सामने आई है। रविवार को यहां हुई एक शादी की चर्चा पूरे जिले में हो रही है। जिस लड़की और लड़के के खौफ में बस्तर का जंगल रहता था उन दोनों ने शादी कर ली। हम बात कर रहे हैं दो पूर्व नक्सलियों के शादी की। हथियार छोड़कर मुख्य धारा में लौटे दो पूर्व नक्सली आपस में शादी के बंधन में बंध गए हैं।
पखांजुर का है मामला
मामला कांकेर जिले के पखांजुर का है। पखांजुर थाना परिसर रविवार को शादी के मंडप में बदल गया। यहां पूर्व नक्सली सागर हिरदो और सचिला मांडवी ने रीति-रिवाज के साथ शादी की। कभी जंगलों में बंदूक लेकर घूमने वाले इस जोड़े ने अब समाज के साथ जीवन बिताने का संकल्प लिया है। दोनों ने 2024 में आत्मसमर्पण कर नक्सली जीवन छोड़ दिया था। अब दोनों पुलिस बल का हिस्सा हैं।
एक दूसरे रहने का वादा किया
नक्सली संगठनों के बहकावे में उन्होंने नक्सलवाद का रास्ता चुना था लेकिन सरकार और प्रशासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर दोनों ने सरेंडर कर दिया था। सागर हिरदो ने पखांजुर पुलिस के सामने दिसम्बर 2024 में सरेंडर किया था। वह नक्सली संगठन के लिए काम करता था। सुरक्षाबल के जवानों के खिलाफ कई हमलों में वह शामिल था। जबकि दुल्हन बनीं सचिला मांडवी साल लंबे समय से नक्सल संगठन से जुड़ी था। माओवादी विचारधारा से परेशान होकर उसने सरेंडर कर दिया था।
कैसे हुई दोनों की पहचान
नक्सली संगठन का साथ छोड़ने के बाद दोनों पुलिस बल में शामिल हो गए। इसी दौरान दोनों की पहचान हुई और दोनों ने शादी करने का फैसला किया। दो पूर्व नक्सलियों का विवाह संदेश देता है कि शांति, विश्वास, पुनर्वास, प्रेम, सम्मान, परिवर्तन और नई शुरुआत के लिए समाज आगे खड़ा है।
प्रशासन ने की अपील
इस शादी में पुलिसवाले बाराती बने। इसके साथ ही दोनों के परिवार वाले भी शामिल थे। पुलिस ने नक्सलियों से अपील करते हुए कहा कि वह हथियार छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौट आएं।
पखांजुर का है मामला
मामला कांकेर जिले के पखांजुर का है। पखांजुर थाना परिसर रविवार को शादी के मंडप में बदल गया। यहां पूर्व नक्सली सागर हिरदो और सचिला मांडवी ने रीति-रिवाज के साथ शादी की। कभी जंगलों में बंदूक लेकर घूमने वाले इस जोड़े ने अब समाज के साथ जीवन बिताने का संकल्प लिया है। दोनों ने 2024 में आत्मसमर्पण कर नक्सली जीवन छोड़ दिया था। अब दोनों पुलिस बल का हिस्सा हैं।
एक दूसरे रहने का वादा किया
नक्सली संगठनों के बहकावे में उन्होंने नक्सलवाद का रास्ता चुना था लेकिन सरकार और प्रशासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर दोनों ने सरेंडर कर दिया था। सागर हिरदो ने पखांजुर पुलिस के सामने दिसम्बर 2024 में सरेंडर किया था। वह नक्सली संगठन के लिए काम करता था। सुरक्षाबल के जवानों के खिलाफ कई हमलों में वह शामिल था। जबकि दुल्हन बनीं सचिला मांडवी साल लंबे समय से नक्सल संगठन से जुड़ी था। माओवादी विचारधारा से परेशान होकर उसने सरेंडर कर दिया था।
कैसे हुई दोनों की पहचान
नक्सली संगठन का साथ छोड़ने के बाद दोनों पुलिस बल में शामिल हो गए। इसी दौरान दोनों की पहचान हुई और दोनों ने शादी करने का फैसला किया। दो पूर्व नक्सलियों का विवाह संदेश देता है कि शांति, विश्वास, पुनर्वास, प्रेम, सम्मान, परिवर्तन और नई शुरुआत के लिए समाज आगे खड़ा है।
प्रशासन ने की अपील
इस शादी में पुलिसवाले बाराती बने। इसके साथ ही दोनों के परिवार वाले भी शामिल थे। पुलिस ने नक्सलियों से अपील करते हुए कहा कि वह हथियार छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौट आएं।
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