रतन पटेल, चित्रकूट: उत्तर प्रदेश के आकांक्षी जनपद चित्रकूट के कोषागार में हुए बहुचर्चित घोटाले में अब पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। कोषागार में पेंशन भेजने के नाम पर हुए करोड़ों के घोटाले के मामले में गठित एसआईटी जांच टीम ने प्रकरण में संलिप्त 15 नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। जिसमें 11 पेंशनर और 4 दलाल है। गिरफ्तार किए गए लोगों में 12 पुरुष और 3 महिलाएं शामिल है।
आपको बता दें कि कोषागार विभाग में 2018 से पेंशनरों के खाते में पेंशन भेजने के अतिरिक्त लाखों की धनराशि भेजी जा रही थी जिसमें कोषागार विभाग के कर्मचारी और दलाल शामिल थे जो पेंशनरों से सांठ-गांठ कर शासकीय धन में डकैती डाल रहे थे। जिस पर महालेखाकार कार्यालय प्रयागराज की ऑडिट में 43.11 करोड़ के गबन होने का मामला सामने आया था।
इसके बाद चित्रकूट के कोषागार अधिकारी रमेश सिंह ने सदर कोतवाली कर्वी में 93 पेंशनरों और 4 कोषागार विभाग के कर्मचारी सहित 97 लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। जिस पर शासन के मामला संज्ञान में लेने के बाद जनपदीय स्तरीय जांच टीम गठित कर दी गई थी।
इस पर मंगलवार रात एसआईटी जांच टीम ने साक्ष्य संकलन के बाद 15 आरोपियों को गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेज दिया है। पकड़े गए आरोपी पेंशनर और दलाल हैं। यह लोग एक सिंडीकेट बनाकर सरकारी धन का गबन कर आपस में बाट लेते थे। जिनके खिलाफ जांच टीम ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह ने बताया है कि ट्रेज़री में हुए घोटाले मामले में 15 आरोपियों को पूछताछ के लिए पेंशनरों के साथ नामजद कोषागार कर्मी विकास सिंह सचान और अशोक वर्मा को कोतवाली बुलाया गया था।
यहां पूछताछ के बाद पेंशनर धनपति देवी निवासी औदहा, लक्ष्मी देवी निवासी बरहट, कमला देवी निवासी खंडेहा, संतोष मिश्रा निवासी राजनगर बांदा, मोहनलाल निवासी सिकरौं, मोहनलाल निवासी अर्जुनपुर, जगत नारायाण त्रिपाठी निवासी नेउरा, दुर्गा प्रसाद निवासी अर्जुनपुर, रामशिरोमणि निवासी सगवारा, जवाहर लाल निवासी खंडेहा, रामरतन निवासी बनकट को गिरफ्तार कर लिया।
इसके अलावा बिचौलिये ओमप्रकाश निवासी लालता रोड थाना मऊ, अमृतलाल उर्फ पंचू निवासी चकौर थाना मऊ, मिथलेश उर्फ भोला निवासी झगरहट थाना मऊ, गौरेन्द्र शिवहरे निवासी गोकुलपुरी कर्वी को भी गिरफ्तार किया गया। एसपी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि पूछताछ और मेडिकल के बाद सभी को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है। जेल भेजी गई कमला देवी की शिकायत पर ही खुला था।
आपको बता दें कि कोषागार विभाग में 2018 से पेंशनरों के खाते में पेंशन भेजने के अतिरिक्त लाखों की धनराशि भेजी जा रही थी जिसमें कोषागार विभाग के कर्मचारी और दलाल शामिल थे जो पेंशनरों से सांठ-गांठ कर शासकीय धन में डकैती डाल रहे थे। जिस पर महालेखाकार कार्यालय प्रयागराज की ऑडिट में 43.11 करोड़ के गबन होने का मामला सामने आया था।
इसके बाद चित्रकूट के कोषागार अधिकारी रमेश सिंह ने सदर कोतवाली कर्वी में 93 पेंशनरों और 4 कोषागार विभाग के कर्मचारी सहित 97 लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। जिस पर शासन के मामला संज्ञान में लेने के बाद जनपदीय स्तरीय जांच टीम गठित कर दी गई थी।
इस पर मंगलवार रात एसआईटी जांच टीम ने साक्ष्य संकलन के बाद 15 आरोपियों को गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेज दिया है। पकड़े गए आरोपी पेंशनर और दलाल हैं। यह लोग एक सिंडीकेट बनाकर सरकारी धन का गबन कर आपस में बाट लेते थे। जिनके खिलाफ जांच टीम ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह ने बताया है कि ट्रेज़री में हुए घोटाले मामले में 15 आरोपियों को पूछताछ के लिए पेंशनरों के साथ नामजद कोषागार कर्मी विकास सिंह सचान और अशोक वर्मा को कोतवाली बुलाया गया था।
यहां पूछताछ के बाद पेंशनर धनपति देवी निवासी औदहा, लक्ष्मी देवी निवासी बरहट, कमला देवी निवासी खंडेहा, संतोष मिश्रा निवासी राजनगर बांदा, मोहनलाल निवासी सिकरौं, मोहनलाल निवासी अर्जुनपुर, जगत नारायाण त्रिपाठी निवासी नेउरा, दुर्गा प्रसाद निवासी अर्जुनपुर, रामशिरोमणि निवासी सगवारा, जवाहर लाल निवासी खंडेहा, रामरतन निवासी बनकट को गिरफ्तार कर लिया।
इसके अलावा बिचौलिये ओमप्रकाश निवासी लालता रोड थाना मऊ, अमृतलाल उर्फ पंचू निवासी चकौर थाना मऊ, मिथलेश उर्फ भोला निवासी झगरहट थाना मऊ, गौरेन्द्र शिवहरे निवासी गोकुलपुरी कर्वी को भी गिरफ्तार किया गया। एसपी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि पूछताछ और मेडिकल के बाद सभी को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है। जेल भेजी गई कमला देवी की शिकायत पर ही खुला था।
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