नई दिल्ली: अनिल अंबानी की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब जांच के दायरे में उनका रिलायंस ग्रुप भी आ गया है। कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) ने अपनी जांच एजेंसी सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (SFIO) को अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप (ADAG) से जुड़ी कई कंपनियों की जांच करने का आदेश दिया है।
यह जांच कॉर्पोरेट गवर्नेंस (कंपनियों को चलाने के नियम) में गड़बड़ी और पैसों के गलत इस्तेमाल के आरोपों को लेकर की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, मंत्रालय ने इस हफ्ते यह आदेश जारी किया है। एसएफआईओ को कम से कम चार कंपनियों की जांच करनी है। इनमें रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर (RInfra), रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom), रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (RCFL) और CLE प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।
वित्तीय जानकारी में सामने आई गड़बड़ियांमंत्रालय ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि वित्तीय संस्थानों और ऑडिटर (खातों की जांच करने वाले) ने एडीएजी की वित्तीय जानकारी में कई तरह की गड़बड़ियां बताई थीं। बैंकों द्वारा रिलायंस कैपिटल और आरकॉम के कर्ज डिफॉल्ट के बाद की गई फोरेंसिक ऑडिट में भी कुछ ऐसी ही चिंताएं सामने आई थीं।
सीबीआई और ईडी कर चुके हैं जांचइस मामले से जुड़े एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि इन कंपनियों की जांच पहले सीबीआई और ईडी कर चुकी हैं। इसलिए SFIO की जांच कॉर्पोरेट गवर्नेंस के मुद्दों पर केंद्रित होगी। यह देखा जाएगा कि क्या बैंकों, ऑडिटर या रेटिंग एजेंसियों ने जानबूझकर कोई जानकारी छुपाई थी। उन्होंने कहा कि अगर पैसों की हेराफेरी हुई है और अगर यह शेल कंपनियों (कागजों पर बनी फर्जी कंपनियां) के जरिए की गई है, तो उसकी भी जांच होगी।
क्या हो सकती है कार्रवाई?एसएफआईओ अपनी जांच में अगर किसी भी शेल या धोखाधड़ी वाली कंपनी की पहचान करती है, तो एमसीए या रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (RoC) उस कंपनी को बंद कर सकती है, उस पर मुकदमा चला सकती है या उसके निदेशकों को अयोग्य घोषित कर सकती है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई के बाद RInfra ने एक नियामक बयान में कहा था कि इस विकास का कंपनी के संचालन, शेयरधारकों, कर्मचारियों या किसी अन्य हितधारकों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। कंपनी ने यह भी बताया कि अनिल अंबानी तीन साल से अधिक समय से RInfra के बोर्ड में नहीं हैं।
7500 करोड़ से अधिक की संपत्तियां जब्तपिछले हफ्ते ईडी ने ADAG ग्रुप से जुड़ी 7,500 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को जब्त किया था। यह कार्रवाई समूह की कंपनियों द्वारा सार्वजनिक धन के कथित दुरुपयोग की चल रही जांच का हिस्सा है। जब्त की गई संपत्तियों में मुंबई के पाली हिल में एक आवासीय संपत्ति, नई दिल्ली में रिलायंस सेंटर और नवी मुंबई में धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी में 132 एकड़ से अधिक जमीन शामिल है, जिसका मूल्य 4,462.81 करोड़ रुपये है।
यह जांच कॉर्पोरेट गवर्नेंस (कंपनियों को चलाने के नियम) में गड़बड़ी और पैसों के गलत इस्तेमाल के आरोपों को लेकर की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, मंत्रालय ने इस हफ्ते यह आदेश जारी किया है। एसएफआईओ को कम से कम चार कंपनियों की जांच करनी है। इनमें रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर (RInfra), रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom), रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (RCFL) और CLE प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।
वित्तीय जानकारी में सामने आई गड़बड़ियांमंत्रालय ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि वित्तीय संस्थानों और ऑडिटर (खातों की जांच करने वाले) ने एडीएजी की वित्तीय जानकारी में कई तरह की गड़बड़ियां बताई थीं। बैंकों द्वारा रिलायंस कैपिटल और आरकॉम के कर्ज डिफॉल्ट के बाद की गई फोरेंसिक ऑडिट में भी कुछ ऐसी ही चिंताएं सामने आई थीं।
सीबीआई और ईडी कर चुके हैं जांचइस मामले से जुड़े एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि इन कंपनियों की जांच पहले सीबीआई और ईडी कर चुकी हैं। इसलिए SFIO की जांच कॉर्पोरेट गवर्नेंस के मुद्दों पर केंद्रित होगी। यह देखा जाएगा कि क्या बैंकों, ऑडिटर या रेटिंग एजेंसियों ने जानबूझकर कोई जानकारी छुपाई थी। उन्होंने कहा कि अगर पैसों की हेराफेरी हुई है और अगर यह शेल कंपनियों (कागजों पर बनी फर्जी कंपनियां) के जरिए की गई है, तो उसकी भी जांच होगी।
क्या हो सकती है कार्रवाई?एसएफआईओ अपनी जांच में अगर किसी भी शेल या धोखाधड़ी वाली कंपनी की पहचान करती है, तो एमसीए या रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (RoC) उस कंपनी को बंद कर सकती है, उस पर मुकदमा चला सकती है या उसके निदेशकों को अयोग्य घोषित कर सकती है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई के बाद RInfra ने एक नियामक बयान में कहा था कि इस विकास का कंपनी के संचालन, शेयरधारकों, कर्मचारियों या किसी अन्य हितधारकों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। कंपनी ने यह भी बताया कि अनिल अंबानी तीन साल से अधिक समय से RInfra के बोर्ड में नहीं हैं।
7500 करोड़ से अधिक की संपत्तियां जब्तपिछले हफ्ते ईडी ने ADAG ग्रुप से जुड़ी 7,500 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को जब्त किया था। यह कार्रवाई समूह की कंपनियों द्वारा सार्वजनिक धन के कथित दुरुपयोग की चल रही जांच का हिस्सा है। जब्त की गई संपत्तियों में मुंबई के पाली हिल में एक आवासीय संपत्ति, नई दिल्ली में रिलायंस सेंटर और नवी मुंबई में धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी में 132 एकड़ से अधिक जमीन शामिल है, जिसका मूल्य 4,462.81 करोड़ रुपये है।
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