पटना : बिहार के पटना में जन्मे डॉक्टर अंजनि सिन्हा अब अमेरिका के सिंगापुर में राजदूत बन गए हैं। उन्होंने सिंगापुर में अपना पदभार संभाल लिया है। यह उनके जीवन का एक और बड़ा कदम है, जो सेवा, कुशलता और नेतृत्व से भरा रहा है। दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़े सिन्हा एक जाने-माने ऑर्थोपेडिक सर्जन भी हैं।
अंजनी सिन्हा ने सिंगापुर पहुंचकर कहा, "मैं अमेरिका की ओर से सिंगापुर में प्रतिनिधित्व पाकर बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं। सिंगापुर अमेरिका का दोस्त है और यह अमेरिकी व्यापार का एक प्रमुख केंद्र है। यह क्षेत्र में स्थिरता का एक स्तंभ भी है।" उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप ने मुझसे सिंगापुर के साथ हमारे सहयोग की महत्वाकांक्षाओं को बढ़ाने के लिए कहा है। यह आपसी सम्मान और साझा प्राथमिकताओं पर आधारित होगा। मैं प्रौद्योगिकी, ऊर्जा और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूं।"
सफल ऑर्थोपेडिक सर्जन बने डिप्लोमेट
सिन्हा की नियुक्ति अमेरिका की सिंगापुर के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह रिश्ता लगभग छह दशकों से मजबूत बना हुआ है। अमेरिका और सिंगापुर की साझेदारी ने उभरती प्रौद्योगिकियों, ऊर्जा सुरक्षा, कानून प्रवर्तन और रक्षा में सहयोग से दोनों देशों को लाभ पहुंचाया है।
डिप्लोमेट नियुक्त होने से पहले अंजनी सिन्हा चिकित्सा जगत में एक सफल ऑर्थोपेडिक सर्जन और उद्यमी के रूप में जाने जाते थे। उन्होंने कहा, "एक चिकित्सक के रूप में मैंने अपना करियर लोगों से जुड़ने और परिणाम देने में बिताया है। मैं इसी सहयोग की भावना को अपने दो देशों के बीच संबंधों को गहरा करने के लिए लागू करने की उम्मीद करता हूं।"
बिहार के लिए गर्व करने का क्षणसिन्हा अपनी गर्मजोशी और सटीकता के लिए जाने जाते हैं, चाहे वह सर्जरी हो या नेतृत्व। वे अपने नए पद पर सहानुभूति और व्यावहारिकता का एक अनूठा मिश्रण लेकर आए हैं। सिन्हा के साथ उनकी पत्नी डॉ किकी सिन्हा भी सिंगापुर पहुंच गईं। वे एक सेवानिवृत्त एनेस्थेसियोलॉजिस्ट हैं और न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में पढ़ाती थीं। यह जोड़ा 48 सालों से विवाहित है और उनके दो बच्चे और तीन पोते-पोतियां हैं। बिहार के लिए अंजनी सिन्हा की यह नियुक्ति गर्व का क्षण है। सिन्हा का सफर पटना की गलियों से निकलकर वैश्विक कूटनीति के गलियारों तक पहुंचा है, जो एक प्रेरणादायक यात्रा है।
(इनपुट आईएएनएस से)
अंजनी सिन्हा ने सिंगापुर पहुंचकर कहा, "मैं अमेरिका की ओर से सिंगापुर में प्रतिनिधित्व पाकर बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं। सिंगापुर अमेरिका का दोस्त है और यह अमेरिकी व्यापार का एक प्रमुख केंद्र है। यह क्षेत्र में स्थिरता का एक स्तंभ भी है।" उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप ने मुझसे सिंगापुर के साथ हमारे सहयोग की महत्वाकांक्षाओं को बढ़ाने के लिए कहा है। यह आपसी सम्मान और साझा प्राथमिकताओं पर आधारित होगा। मैं प्रौद्योगिकी, ऊर्जा और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूं।"
सफल ऑर्थोपेडिक सर्जन बने डिप्लोमेट
सिन्हा की नियुक्ति अमेरिका की सिंगापुर के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह रिश्ता लगभग छह दशकों से मजबूत बना हुआ है। अमेरिका और सिंगापुर की साझेदारी ने उभरती प्रौद्योगिकियों, ऊर्जा सुरक्षा, कानून प्रवर्तन और रक्षा में सहयोग से दोनों देशों को लाभ पहुंचाया है।
डिप्लोमेट नियुक्त होने से पहले अंजनी सिन्हा चिकित्सा जगत में एक सफल ऑर्थोपेडिक सर्जन और उद्यमी के रूप में जाने जाते थे। उन्होंने कहा, "एक चिकित्सक के रूप में मैंने अपना करियर लोगों से जुड़ने और परिणाम देने में बिताया है। मैं इसी सहयोग की भावना को अपने दो देशों के बीच संबंधों को गहरा करने के लिए लागू करने की उम्मीद करता हूं।"
बिहार के लिए गर्व करने का क्षणसिन्हा अपनी गर्मजोशी और सटीकता के लिए जाने जाते हैं, चाहे वह सर्जरी हो या नेतृत्व। वे अपने नए पद पर सहानुभूति और व्यावहारिकता का एक अनूठा मिश्रण लेकर आए हैं। सिन्हा के साथ उनकी पत्नी डॉ किकी सिन्हा भी सिंगापुर पहुंच गईं। वे एक सेवानिवृत्त एनेस्थेसियोलॉजिस्ट हैं और न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में पढ़ाती थीं। यह जोड़ा 48 सालों से विवाहित है और उनके दो बच्चे और तीन पोते-पोतियां हैं। बिहार के लिए अंजनी सिन्हा की यह नियुक्ति गर्व का क्षण है। सिन्हा का सफर पटना की गलियों से निकलकर वैश्विक कूटनीति के गलियारों तक पहुंचा है, जो एक प्रेरणादायक यात्रा है।
(इनपुट आईएएनएस से)
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