मुंबई: इस दिवाली सोना और चांदी की कीमतों ने रिकार्ड बनाया। तब भी लोगों ने इन दोनों धातुओं की खूब खरीदारी की। यही नहीं, इस दौरान लोगों ने गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ में भी खूब पैसे निवेश किए। सिर्फ निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड (NIMF) का ही देखें तो इस साल दिवाली त्योहार के अवसर पर दोनों ETF में उनका संयुक्त औसत दैनिक टर्नओवर (ADT) 1,887 करोड़ रुपये रहा। यह पूरी इंडस्ट्री के कुल औसत दैनिक टर्नओवर का एक बड़ा हिस्सा, यानी 57.6% है।
ईटीएफ में लीडरशिप पोजीशन
निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड (NIMF) गोल्ड और सिल्वर ETF में अपनी लीडरशिप पोजीशन बनाए हुए है। यह लीडरशिप सिर्फ एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) यानी फंड के प्रबंधन में रखी गई कुल संपत्ति के मामले में ही नहीं, बल्कि एक्सचेंज पर औसत दैनिक टर्नओवर (ADT) के मामले में भी है। निप्पॉन इंडिया गोल्डबीज ETF और निप्पॉन इंडिया सिल्वरबीज ETF, दोनों ही AUM, नेट बिक्री, दैनिक ट्रेडिंग वॉल्यूम और निवेशक फोलियो जैसे महत्वपूर्ण मापदंडों पर स्पष्ट रूप से आगे हैं।
दिवाली 2025 में गोल्डबीज ETF का शानदार प्रदर्शन
खास तौर पर, निप्पॉन इंडिया गोल्डबीज ETF ने दिवाली 2025 के दौरान अपनी कैटेगरी में लीडरशिप बनाए रखी। NSE के आंकड़ों के मुताबिक, दिवाली 2025 की अवधि (17 अक्टूबर से 23 अक्टूबर, 2025) में, निप्पॉन इंडिया ETF गोल्डबीज का ADT 97 करोड़ रुपये (दिवाली 2024) से बढ़कर 767 करोड़ रुपये (दिवाली 2025) हो गया। यह 7.9 गुना की वृद्धि है। इस दौरान, उन्होंने कुल उद्योग ADT का 53% मार्केट शेयर हासिल किया, जो उनकी मजबूत लीडरशिप को दर्शाता है। दिवाली 2025 में इस फंड का ADT, उद्योग के औसत (NIMF को छोड़कर) से लगभग 23 गुना अधिक था। यह इस बात की पुष्टि करता है कि यह एक्सचेंज पर सबसे लिक्विड (आसानी से खरीदे-बेचे जाने वाला) गोल्ड ETF है। कुल उद्योग गोल्ड ETF ADT में गोल्डबीज का मार्केट शेयर 53% रहा।
निवेशकों के लिए बड़ा फायदाNIMF के ETF में ज्यादा वॉल्यूम ट्रेड होने का मतलब है कि इनमें अच्छी मार्केट लिक्विडिटी है। लिक्विडिटी निवेशकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, खासकर जब वे बड़ी मात्रा में निवेश करना या निकालना चाहते हैं। इससे ट्रैकिंग एरर (फंड के प्रदर्शन और इंडेक्स के प्रदर्शन के बीच अंतर) कम होता है और इंपैक्ट कॉस्ट (बड़े सौदों के कारण कीमत पर पड़ने वाला असर) भी घटता है। NIMF गोल्ड ETF की इंपैक्ट कॉस्ट सिर्फ 2 बेसिस पॉइंट (bps) रही, जो उद्योग के औसत 18 bps (निप्पॉन को छोड़कर) से काफी कम है। इसी तरह, NIMF सिल्वर ETF की इंपैक्ट कॉस्ट भी प्रभावशाली रूप से 2 bps रही, जबकि उद्योग का औसत (निप्पॉन को छोड़कर) 20 bps था।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में भी NIMF का दबदबा जारी
NIMF का दबदबा सिर्फ त्योहारी ट्रेडिंग दिनों तक ही सीमित नहीं है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए, फंड हाउस ने गोल्ड और सिल्वर ETF के उद्योग के औसत दैनिक टर्नओवर में 58% की मजबूत हिस्सेदारी हासिल की। इसके अलावा, NIMF के पास सितंबर 2025 तक देश में सबसे बड़ा ETF निवेशक आधार है, जिसमें 1.53 करोड़ निवेशक शामिल हैं। यह पूरे उद्योग के कुल ETF निवेशकों का 50% है।
सिल्वर ETF में भी शानदार ग्रोथ
उद्योग के सिल्वर ETF ADT में दिवाली 2024 के 130 करोड़ रुपये से बढ़कर दिवाली 2025 में 1,823 करोड़ रुपये हो गया, जो 14 गुना की वृद्धि है। निप्पॉन इंडिया सिल्वर ETF का ADT भी 84 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,120 करोड़ रुपये हो गया, जो उद्योग की वृद्धि के अनुरूप 13.4 गुना की वृद्धि दर्शाता है। दिवाली 2025 के दौरान निप्पॉन इंडिया सिल्वर ETF का ADT, उद्योग के औसत (NIMF को छोड़कर) से 24 गुना से भी अधिक था। इस अवधि में, फंड ने कुल सिल्वर ETF ADT का 61% मार्केट शेयर हासिल किया।
ईटीएफ में लीडरशिप पोजीशन
निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड (NIMF) गोल्ड और सिल्वर ETF में अपनी लीडरशिप पोजीशन बनाए हुए है। यह लीडरशिप सिर्फ एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) यानी फंड के प्रबंधन में रखी गई कुल संपत्ति के मामले में ही नहीं, बल्कि एक्सचेंज पर औसत दैनिक टर्नओवर (ADT) के मामले में भी है। निप्पॉन इंडिया गोल्डबीज ETF और निप्पॉन इंडिया सिल्वरबीज ETF, दोनों ही AUM, नेट बिक्री, दैनिक ट्रेडिंग वॉल्यूम और निवेशक फोलियो जैसे महत्वपूर्ण मापदंडों पर स्पष्ट रूप से आगे हैं।
दिवाली 2025 में गोल्डबीज ETF का शानदार प्रदर्शन
खास तौर पर, निप्पॉन इंडिया गोल्डबीज ETF ने दिवाली 2025 के दौरान अपनी कैटेगरी में लीडरशिप बनाए रखी। NSE के आंकड़ों के मुताबिक, दिवाली 2025 की अवधि (17 अक्टूबर से 23 अक्टूबर, 2025) में, निप्पॉन इंडिया ETF गोल्डबीज का ADT 97 करोड़ रुपये (दिवाली 2024) से बढ़कर 767 करोड़ रुपये (दिवाली 2025) हो गया। यह 7.9 गुना की वृद्धि है। इस दौरान, उन्होंने कुल उद्योग ADT का 53% मार्केट शेयर हासिल किया, जो उनकी मजबूत लीडरशिप को दर्शाता है। दिवाली 2025 में इस फंड का ADT, उद्योग के औसत (NIMF को छोड़कर) से लगभग 23 गुना अधिक था। यह इस बात की पुष्टि करता है कि यह एक्सचेंज पर सबसे लिक्विड (आसानी से खरीदे-बेचे जाने वाला) गोल्ड ETF है। कुल उद्योग गोल्ड ETF ADT में गोल्डबीज का मार्केट शेयर 53% रहा।
निवेशकों के लिए बड़ा फायदाNIMF के ETF में ज्यादा वॉल्यूम ट्रेड होने का मतलब है कि इनमें अच्छी मार्केट लिक्विडिटी है। लिक्विडिटी निवेशकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, खासकर जब वे बड़ी मात्रा में निवेश करना या निकालना चाहते हैं। इससे ट्रैकिंग एरर (फंड के प्रदर्शन और इंडेक्स के प्रदर्शन के बीच अंतर) कम होता है और इंपैक्ट कॉस्ट (बड़े सौदों के कारण कीमत पर पड़ने वाला असर) भी घटता है। NIMF गोल्ड ETF की इंपैक्ट कॉस्ट सिर्फ 2 बेसिस पॉइंट (bps) रही, जो उद्योग के औसत 18 bps (निप्पॉन को छोड़कर) से काफी कम है। इसी तरह, NIMF सिल्वर ETF की इंपैक्ट कॉस्ट भी प्रभावशाली रूप से 2 bps रही, जबकि उद्योग का औसत (निप्पॉन को छोड़कर) 20 bps था।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में भी NIMF का दबदबा जारी
NIMF का दबदबा सिर्फ त्योहारी ट्रेडिंग दिनों तक ही सीमित नहीं है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए, फंड हाउस ने गोल्ड और सिल्वर ETF के उद्योग के औसत दैनिक टर्नओवर में 58% की मजबूत हिस्सेदारी हासिल की। इसके अलावा, NIMF के पास सितंबर 2025 तक देश में सबसे बड़ा ETF निवेशक आधार है, जिसमें 1.53 करोड़ निवेशक शामिल हैं। यह पूरे उद्योग के कुल ETF निवेशकों का 50% है।
सिल्वर ETF में भी शानदार ग्रोथ
उद्योग के सिल्वर ETF ADT में दिवाली 2024 के 130 करोड़ रुपये से बढ़कर दिवाली 2025 में 1,823 करोड़ रुपये हो गया, जो 14 गुना की वृद्धि है। निप्पॉन इंडिया सिल्वर ETF का ADT भी 84 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,120 करोड़ रुपये हो गया, जो उद्योग की वृद्धि के अनुरूप 13.4 गुना की वृद्धि दर्शाता है। दिवाली 2025 के दौरान निप्पॉन इंडिया सिल्वर ETF का ADT, उद्योग के औसत (NIMF को छोड़कर) से 24 गुना से भी अधिक था। इस अवधि में, फंड ने कुल सिल्वर ETF ADT का 61% मार्केट शेयर हासिल किया।
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