दोस्तो भारतीय रसोईयों में व्यापक रूप गैस सिलेंडर का प्रयोग करते हैं और पारंपरिकप चूल्हों से दूरी बना ली हैं, यह रोज़मर्रा की ज़िंदगी का ज़रूरी हिस्सा हैं। एलपीजी का इस्तेमाल आम बात है, लेकिन कई लोग इससे जुड़ी ज़रूरी सुरक्षा और इंश्योरेंस पॉलिसी के बारे में नहीं जानते। एक सबसे अनदेखी बात यह है कि आपके एलपीजी गैस सिलेंडर में इंश्योरेंस कवरेज होता है - और दुर्घटना की स्थिति में यह बहुत काम आ सकता है, आइए जानते है गैस सिलेंडर फटने पर कितना मुआवजा मिलता हैं-

एलपीजी सिलेंडर इंश्योरेंस के बारे में आपको क्या जानना चाहिए
यहां कुछ मुख्य बातें दी गई हैं, जिनके बारे में सभी को पता होना चाहिए:
₹10 लाख तक का ऑटोमैटिक इंश्योरेंस कवरेज
भारत में हर एलपीजी गैस कनेक्शन को एक थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस पॉलिसी द्वारा ऑटोमैटिक रूप से कवर किया जाता है।
यह इंश्योरेंस सिलेंडर फटने या लीक होने से होने वाले नुकसान, चोट या मौत की स्थिति में ₹10 लाख तक का कवरेज देता है।
इस इंश्योरेंस का प्रीमियम गैस एजेंसी देती है, न कि ग्राहक।
यह क्यों ज़रूरी है
सिलेंडर फटने की घटनाएं कम होती हैं, लेकिन वे जानलेवा हो सकती हैं। हर साल भारत में गैस लीक और विस्फोट की कई घटनाएं होती हैं, जिनमें गंभीर चोटें, जान की हानि और संपत्ति का नुकसान होता है।
इसके बावजूद, बहुत कम पीड़ित या उनके परिवार मुआवजे का दावा करते हैं, अक्सर इसके बारे में जानकारी न होने के कारण।

घटना होने पर इंश्योरेंस का दावा कैसे करें
अगर आप कभी गैस लीक या विस्फोट की किसी घटना में शामिल होते हैं, तो आपको यह करना चाहिए:
तुरंत अधिकारियों को सूचित करें
घटना की जानकारी तुरंत स्थानीय पुलिस और अपनी गैस एजेंसी को दें।
साइट पर जांच
गैस एजेंसी जांच के लिए अपने कर्मचारियों को भेजेगी और दुर्घटना का कारण पता लगाएगी।
रिपोर्ट तैयार करना
जांच के आधार पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
इंश्योरेंस क्लेम प्रोसेस
इस रिपोर्ट का इस्तेमाल इंश्योरेंस क्लेम प्रोसेस करने के लिए किया जाएगा, जो मेडिकल खर्च, संपत्ति के नुकसान या जान की हानि के लिए मुआवजा दे सकता है।
सुरक्षित रहें - किसी भी समस्या की तुरंत जानकारी दें
अगर आपको गैस लीक का पता चलता है या आपको लगता है कि आपके सिलेंडर में कोई समस्या है, तो इसे नज़रअंदाज़ न करें। तुरंत अपनी गैस एजेंसी से संपर्क करें।
You may also like
शादी के 6 दिन बाद ही नवविवाहिता ने लगाई फांसी, आखिर क्यों उठाया ये खौफनाक कदम?
एमपी-राजस्थान के बाद अब तमिलनाडु में कफ सिरप के नमूने फेल
'नवरंग', 'झनक झनक पायल बाजे' फ़ेम अभिनेत्री संध्या शांताराम का 93 साल की उम्र में निधन
अमेरिका के बाद यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में क्यों बढ़ रहा है भारतीयों का विरोध
यूपी : बरेली हिंसा पर दिनेश शर्मा का तंज, आग में 'घी' डालने का काम कर रही विपक्ष