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हजारीबाग के दीपुगढ़ा में पंचकर्म केंद्र शुरू, प्राचीन चिकित्सा पद्धति से होगा रोगों का उपचार

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हजारीबाग, 23 सितंबर . Prime Minister Narendra Modi योग और आयुर्वेद को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं. उनके प्रयासों का ही नतीजा है कि देशभर में आयुर्वेद से जुड़े कई नए संस्थान और केंद्र खुल रहे हैं. इसी कड़ी में हजारीबाग के दीपुगढ़ा में पंचकर्म केंद्र अब बनकर तैयार हो गया है.

पंचकर्म केंद्र की शुरुआत होने से जिले और आसपास के क्षेत्रों के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी.

यहां तैनात डॉक्टरों का कहना है कि केंद्र Government लगातार आयुर्वेद और योग को बढ़ावा दे रही है. आयुर्वेद को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं ताकि India की इस प्राचीन चिकित्सा पद्धति का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच सके.

Jharkhand में केंद्र Government की ओर से कुल 10 पंचकर्म केंद्र शुरू किए गए हैं, जिनमें हजारीबाग का यह केंद्र भी शामिल है. इन केंद्रों के शुरू होने से लाखों मरीजों को मुफ्त में उपचार उपलब्ध होगा. पंचकर्म पद्धति विशेष रूप से शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने और मानसिक-शारीरिक संतुलन बनाए रखने में कारगर मानी जाती है.

डॉक्‍टर जोशी ने बताया कि Jharkhand के हर जिले में पंचकर्म की स्‍थापना हो रही है. पंचकर्म के माध्‍यम से ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों को स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा देने का प्रयास किया जा रहा है. हजारीबाग में यह पहला केंद्र है, जहां पंचकर्म की सेवा दी जा रही है.

आयुष विभाग के डॉ. विजय कुमार तिवारी ने बताया कि पीएम मोदी द्वारा प्राकृतिक चिकित्‍सा को बढ़ावा दिया जा रहा है. Jharkhand में करीब 10 पंचकर्म अस्‍पताल हैं. पंचकर्म में शरीर को डी-टॉक्‍स किया जाता है.

जिला आयुष पदाधिकारी के डॉ श्याम नंदन तिवारी ने बताया कि आयुर्वेद चिकित्‍सा की पुरानी पद्धति है, जिसके माध्‍यम से पूरे विश्‍व में इलाज किया जा रहा है. लोग योग से भी प्रभावित हो रहे हैं. वहीं पंचकर्म से बाह्य और आंतरिक शरीर का शुद्धिकरण किया जाता है.

एएसएच/वीसी

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