सोल, 22 जुलाई . दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति कार्यालय ने Tuesday को बताया कि राष्ट्रीय एकीकरण मामलों के सचिव कांग जुन-वूक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. यह फैसला उन्होंने उस विवाद के बीच लिया, जिसमें उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति यून सूक-योल की कथित मार्शल लॉ लागू करने की असफल कोशिश का बचाव किया था.
उनकी यह टिप्पणी विवादों में घिर गई थी, जिसके बाद उन्होंने पद छोड़ने का निर्णय लिया.
डोंगगुक विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर कांग को राष्ट्रपति ली जे-म्युंग ने जुलाई के मध्य में सचिव पद पर नियुक्त किया था. उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई थी कि वे जनता की राय जानें और सामाजिक एकता को बढ़ावा देने वाली नीतियों का मसौदा तैयार करें. हालांकि, उनके पुराने विवादास्पद बयानों की वजह से उन पर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ता गया.
योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च में प्रकाशित एक किताब में कांग ने लिखा था कि यून ने मार्शल लॉ को राजनीतिक संकट के प्रति अपनी निराशा दिखाने का एक तरीका माना था. कांग ने यह भी तर्क दिया था कि इस कदम को “विद्रोह की कार्रवाई” कहना, जनता की भावनाएं भड़काने जैसा है.
कांग को पहले भी उस फेसबुक पोस्ट के लिए आलोचना झेलनी पड़ी थी, जिसमें उन्होंने जापान के उस दावे का समर्थन किया था कि 1910 से 1945 तक उसका औपनिवेशिक शासन कोरिया के आधुनिकीकरण में सहायक रहा.
इसके अलावा, उन्होंने जापान द्वारा युद्ध के समय जबरन करवाए गए श्रम को भी नकार दिया था.
प्रवक्ता कांग यू-जंग ने बताया कि जनता की बढ़ती चिंता को देखते हुए राष्ट्रपति ली ने सचिव का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है.
प्रवक्ता ने पत्रकारों से कहा, “यह गंभीर सार्वजनिक आलोचना का विषय बना कि कांग का काम राष्ट्रपति प्रशासन की सोच और सिद्धांतों के अनुरूप नहीं था.”
उन्होंने आगे कहा, “इसके जवाब में, कांग ने अपनी गलती की जिम्मेदारी लेते हुए स्वेच्छा से इस्तीफा देने और जनता से ईमानदारी से माफी मांगने का फैसला किया.”
उन्होंने कहा कि नए सचिव की नियुक्ति ऐसे रूढ़िवादी सोच वाले व्यक्ति में से की जाएगी, जो सरकार की विचारधारा और राष्ट्रीय एकता के प्रति प्रतिबद्धता को साझा करते हों.
कानूनी सूत्रों ने Tuesday को बताया कि मार्शल लॉ लगाने से जुड़ी एक अलग घटना में पूर्व प्रधानमंत्री हान डक-सू पर यून के मार्शल लॉ लागू करने के असफल प्रयास के बारे में झूठी गवाही देने का आरोप लगाकर मामला दर्ज किया गया है.
सूत्रों के अनुसार, विशेष वकील चो यून-सुक की टीम ने हाल ही में पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ मामला दर्ज किया था. उन्हें शक था कि उन्होंने संवैधानिक न्यायालय और नेशनल असेंबली में गवाही देते वक्त झूठ बोला था.
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एसएचके/एबीएम
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