काबुल, 28 अक्टूबर . अफगानिस्तान ने Tuesday को Pakistan को कड़ी चेतावनी जारी की और भविष्य में किसी भी सैन्य हमले का कड़ा जवाब देने की कसम खाई. तुर्की में वार्ता इस्लामाबाद के पीछे हटने के बाद विफल हो गई.
अफगानिस्तान मीडिया आउटलेट एरियाना न्यूज ने सूत्रों के हवाले से बताया कि Pakistan की तरफ से कुछ अनुचित और अस्वीकार्य मांगें रखीं, जिनमें काबुल से कथित तौर पर Pakistan के खिलाफ सक्रिय सशस्त्र लोगों को वापस बुलाने और उन पर नियंत्रण करने का आह्वान भी शामिल है, जिसे अफगान पक्ष ने अस्वीकार कर दिया. इसमें आगे कहा गया है कि अगर Pakistan अफगान धरती पर हवाई हमले करता है तो अफगान सेना इस्लामाबाद के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार है.
बातचीत के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए काबुल ने धमकी दी कि वह आगे सीमा पार हमलों को बर्दाश्त नहीं करेगा. अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल मतीन कानी ने एरियाना न्यूज से बात करते हुए कहा कि किसी भी हमले का निर्णायक जवाब दिया जाएगा, जो Pakistan के लिए एक सबक और दूसरों के लिए एक संदेश होगा.
उन्होंने आगे कहा कि यह सच है कि हमारे पास परमाणु हथियार नहीं हैं, लेकिन 20 साल के युद्ध के बावजूद न तो नाटो और न ही संयुक्त राज्य अमेरिका अफगानिस्तान को अपने अधीन कर पाया. अफगान राष्ट्र कभी किसी के आगे नहीं झुका.
यह घटनाक्रम हाल ही में अफगानिस्तान में Pakistanी सेना द्वारा सीमा पार अभियान चलाने के बाद बढ़े तनाव के बीच हुआ है. रिपोर्टों से पता चलता है कि तुर्की में राजनयिकों और क्षेत्रीय मध्यस्थों द्वारा संकट को कम करने के प्रयास विफल हो गए हैं, जिससे डूरंड रेखा पर फिर से सैन्य टकराव की आशंका बढ़ गई है.
विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि कोई भी जवाबी कार्रवाई पहले से ही नाजुक क्षेत्र को और अस्थिर कर देगी.
इस्तांबुल में लगातार तीन दिनों तक चली Pakistan और अफगानिस्तान के बीच वार्ता क्षेत्रीय मध्यस्थता के प्रयासों के बावजूद कोई सफलता नहीं दिला पाई. मध्यस्थों ने स्वीकार किया कि दोनों देशों की स्थिति अभी भी एक-दूसरे से बहुत अलग है क्योंकि दोनों पक्षों की अपेक्षाओं और प्राथमिकताओं में अंतर है.
अफगानिस्तान की प्रमुख समाचार एजेंसी खामा प्रेस ने जियो न्यूज की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि इन मतभेदों के कारण दोनों देशों के अधिकारी बातचीत के दौरान कोई प्रगति नहीं कर पाए. दोनों देशों के बीच समन्वय की कमी ने तनाव के और बढ़ने की चिंताएं पैदा कर दी हैं.
Pakistan ने जोर देकर कहा है कि तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) के खिलाफ कार्रवाई करना और इस समूह के लड़ाकों को अफगानिस्तान में पनाह लेने से रोकना किसी भी समझौते के लिए महत्वपूर्ण शर्तें हैं. Pakistan टीटीपी विद्रोह को अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सीधा खतरा मानता है.
–
एमएस/
You may also like
 - अरशद वारसी ने बताई पेरेंट्स की 1 सबसे बड़ी गलती, जिसे सुनकर माता-पिता खुद को ही कोसने लगेंगे
 - सिनेजीवन: जुबीन गर्ग की पत्नी गरिमा ने ब्रह्मपुत्र में विसर्जित की अस्थियां और 'आशुतोष राणा थोड़े आक्रामक हैं'
 - पलानीस्वामी की एआईएडीएमके के बूथ-लेवल नेताओं से अपील, 'एसआईआर प्रक्रिया को लेकर हों सजग'
 - राहुल गांधी की चुनावी सभा पर बोले केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी, 'टूटा हुआ कांच कभी नहीं जुड़ता'
 - 'सरˈ प्लीज पास कर दो मेरी शादी होने वाली है परीक्षा में स्टूडेंट की आंसरशीट देख शिक्षक हैरान﹒





