New Delhi, 6 अक्टूबर . दिल्ली भाजपा एससी मोर्चा द्वारा महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर “पुष्पांजलि कार्यक्रम” आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में दिल्ली से सांसद के बांसुरी स्वराज मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई. इस दौरान उन्होंने रामनाम के महत्व और महर्षि वाल्मीकि की जीवन पर प्रकाश डाला.
भगवान महर्षि वाल्मीकि प्रकोटत्सव की पूर्व संध्या को प्रदेश कार्यालय में आयोजित पुष्पांजलि समारोह को संबोधित करते हुए New Delhi से सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि भगवान वाल्मीकि श्रीराम नाम के दाता हैं, क्योंकि कलयुग में सिर्फ श्रीराम नाम का सहारा है. अगर भगवान वाल्मीकि हमें राम नाम की कथा नहीं बताते तो हम इतने मार्मिक प्रसंगों से दूर रहते. महर्षि वाल्मीकि अगर अमृत जैसा रामनाम हमें नहीं देते, तो हम राम कथा से वंचित रह जाते और शायद हम इस भवसागर से तर नहीं पाते.
उन्होंने कहा कि ऐसा कहा जाता है कि भगवान वाल्मीकि की पूजा अर्चना ना करने से हमारा कोई भी यज्ञ पूर्ण नहीं होता. यह वही वाल्मीकि हैं, जिन्होंने माता सीता को आश्रय दिया था और New Delhi संसदीय क्षेत्र में पांडव काल के समय का मंदिर है. लव और कुश को बाल्यकाल में श्रीराम के अश्वमेघ यज्ञ के घोड़े को पकड़ने का सामर्थ्य भी उनके गुरु महर्षि वाल्मीकि ने दिया था.
बांसुरी स्वराज ने Prime Minister Narendra Modi का भी धन्यवाद किया, जिन्होंने भगवान वाल्मीकि के आदर्श प्रभु श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा अयोध्या में स्थापित करने का काम किया. Prime Minister मोदी ने सनातनियों के 500 साल के संघर्षों को पूर्ण विराम देने का काम किया है. उन्होंने कहा कि भगवान वाल्मीकि ने हमेशा से ही प्रभु श्रीराम के उत्कृष्ट चरित्र को हमारे सामने लाने का काम किया है. राम नाम के उच्चारण मात्र से विष्णु सहस्त्रनाम करने का फल मिल जाता है. रामनाम मानवता को भवसागर से पार लगा देता है.
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एएसएच/डीएससी
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