तुर्की राष्ट्रपति एर्दोगन
पाकिस्तान और भारत के बीच हालिया तनाव के बाद, तुर्की पर आरोप लगाया गया कि उसने भारत के खिलाफ पाकिस्तान का समर्थन किया है। इसके साथ ही, तुर्की पर यह भी आरोप है कि वह भारत सहित अन्य देशों में कट्टरपंथी गतिविधियों में संलग्न है। तुर्की ने बुधवार को इन सभी आरोपों को पूरी तरह से गलत बताते हुए खारिज कर दिया।
तुर्की के संचार केंद्र ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि मीडिया में यह दावा किया गया है कि तुर्की भारत में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल है और आतंकवादी संगठनों को सैन्य, राजनयिक और वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है। यह सब द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुंचाने के लिए एक दुर्भावनापूर्ण प्रचार अभियान का हिस्सा है।
तुर्की का आधिकारिक बयानतुर्की के बयान में कहा गया है कि भारत या किसी अन्य देश के खिलाफ कट्टरपंथी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप पूरी तरह से गलत है और इसका कोई वास्तविक आधार नहीं है। तुर्की ने स्पष्ट किया है कि वह किसी भी देश में कट्टरपंथी गतिविधियों का समर्थन नहीं कर रहा है। हालांकि, तुर्की की खुफिया एजेंसियों ने सीरिया, इराक और फिलिस्तीन से जुड़े कुछ संगठनों को सहायता प्रदान करने की जानकारी दी है।
पाकिस्तान द्वारा तुर्की के ड्रोन का उपयोगहालांकि तुर्की ने कट्टरपंथी गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों को खारिज किया है, लेकिन कई सबूत सामने आए हैं जो दर्शाते हैं कि तुर्की ने पाकिस्तान की सेना का समर्थन किया है। पहलगाम हमले के बाद, भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने तुर्की के ड्रोन का उपयोग किया था। इसके अलावा, तुर्की द्वारा पाकिस्तान को अन्य तरीकों से सहायता देने के मामले भी सामने आए हैं। हालांकि, भारत ने पाकिस्तान के सभी हमलों का प्रभावी जवाब दिया है।
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