भोपाल : मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में ज़मीन के नीचे 1 लाख टन से अधिक सोने के होने का अनुमान लगाया गया है। यह खजाना चकरिया गोल्ड ब्लॉक में लगभग 23.57 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह खोज न केवल राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगी, बल्कि पूरे देश में खनन क्षेत्र में एक नया मोड़ भी लाएगी। यहाँ से निकलेगा असली सोना, जो राज्य के भविष्य को बदल देगा।
अनुमान है कि यहाँ लगभग 1.33 लाख टन से अधिक सोने का भंडार मौजूद है, जो मध्य प्रदेश को देश के प्रमुख खनिज उत्पादक राज्यों में शामिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
सोने का भंडार कैसे मिला? सिंगरौली के चकरिया क्षेत्र में विस्तृत भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और परीक्षणों के बाद यह स्पष्ट हुआ है कि यहाँ सोने की भारी मात्रा उपलब्ध है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस खनिज से लगभग 1 लाख 76 हजार 600 ग्राम शुद्ध सोना निकाला जा सकता है। यह खोज न केवल राज्य के लिए आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी इसे एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।
खनन का कार्य किसके हाथ में? इस बहुमूल्य खनन क्षेत्र को व्यावसायिक रूप देने के लिए राज्य सरकार ने चकरिया गोल्ड ब्लॉक की नीलामी प्रक्रिया पूरी कर ली है। अडानी समूह की कंपनी गरिमा नेचुरल प्राइवेट लिमिटेड ने इस प्रक्रिया में सफलता प्राप्त की है। कंपनी अगले 5 वर्षों में लगभग 18,536 टन सोना निकालने की योजना बना रही है, जिसके लिए अत्याधुनिक मशीनरी और तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
क्या मध्य प्रदेश बनेगा 'मिनरल स्टेट ऑफ इंडिया'? मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस उपलब्धि पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि यह खोज प्रदेश को 'मिनरल स्टेट ऑफ इंडिया' बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने यह भी कहा कि यह केवल शुरुआत है, और भविष्य में मध्य प्रदेश देश के सबसे समृद्ध खनिज क्षेत्रों में से एक बनकर उभरेगा।
सिर्फ सोना नहीं, सिंगरौली खनिजों का खजाना है। सिंगरौली जिले की भौगोलिक संरचना खनिज संसाधनों से भरपूर है। मिसिरगवां आयरन ब्लॉक, गुरहर पहाड़, सिल्फोरी, सिधार, अमिलहवा और सोनकुरवा जैसे क्षेत्रों में भी खनिजों की मौजूदगी के संकेत मिले हैं। इससे यह स्पष्ट है कि यह इलाका केवल कोयले के लिए ही नहीं, बल्कि अन्य बहुमूल्य खनिजों के लिए भी जाना जाएगा।
राजस्व और रोजगार में वृद्धि की उम्मीद राज्य सरकार को उम्मीद है कि खनन परियोजना से न केवल राजस्व में वृद्धि होगी, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे। अगले एक वर्ष के भीतर कंपनियां अपनी तैयारियों के साथ खनन कार्य शुरू कर देंगी, जिससे क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
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