अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूरोपीय संघ से चीन और भारत पर 100% तक भारी टैरिफ लगाने का सुझाव दिया है। उनका मकसद रूस के राष्ट्रपति पुतिन पर दबाव बढ़ाकर यूक्रेन युद्ध को समाप्त कराना है। ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका भी पुतिन के इस कदम का समर्थन करेगा। इसके अलावा, अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक संबंध सुधारने के लिए बातचीत जारी है।
ट्रंप का यूरोपीय संघ को सुझावअमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में यूरोपीय संघ (EU) से कहा है कि वे चीन और भारत पर 100% तक के भारी आयात शुल्क (टैरिफ) लगाए। उनका उद्देश्य रूस के राष्ट्रपति पुतिन पर दबाव बनाना है ताकि वह यूक्रेन पर अपने सैन्य आक्रमण को बंद करें। यह प्रस्ताव एक कॉन्फ्रेंस कॉल के दौरान दिया गया, जिसमें यूरोपीय संघ के शीर्ष अधिकारी भी मौजूद थे।
तीनों देशो का आर्थिक संबंधट्रंप ने बताया कि चीन और भारत अभी भी रूस से तेल और गैस जैसे महत्वपूर्ण संसाधनों का आयात कर रहे हैं, जिससे रूस को आर्थिक मदद मिलती है और वह यूक्रेन पर युद्ध जारी रख सकता है। इसलिए, अगर यूरोपीय संघ इन दोनों देशों पर भारी टैरिफ लगाएगा, तो रूस की आर्थिक स्थिति कमजोर हो सकती है।
ट्रंप की नई योजनाट्रंप ने यह भी कहा कि यदि यूरोपीय संघ इस कदम का समर्थन करता है, तो अमेरिका भी चीन और भारत पर समान टैरिफ लगाने के लिए तैयार है। इससे वैश्विक व्यापारिक नीतियों में बड़ा बदलाव आएगा। अगस्त में अमेरिका ने भारत से कुछ वस्तुओं पर 50% तक के टैरिफ लगाए थे, जिसमें 25% की ‘दंडात्मक’ टैरिफ भी शामिल है। यह कदम भारत द्वारा रूस से तेल खरीद को रोकने के लिए उठाया गया था।
भविष्य की उम्मीदेंट्रंप ने यह स्पष्ट किया कि अमेरिका और भारत के बीच व्यापार संबंधों को सुधारने के लिए बातचीत जारी है। उन्होंने कहा कि वे जल्द ही भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संपर्क कर इस मामले पर चर्चा करेंगे, ताकि दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों को मजबूत किया जा सके।
ट्रंप का यूरोपीय संघ को सुझावअमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में यूरोपीय संघ (EU) से कहा है कि वे चीन और भारत पर 100% तक के भारी आयात शुल्क (टैरिफ) लगाए। उनका उद्देश्य रूस के राष्ट्रपति पुतिन पर दबाव बनाना है ताकि वह यूक्रेन पर अपने सैन्य आक्रमण को बंद करें। यह प्रस्ताव एक कॉन्फ्रेंस कॉल के दौरान दिया गया, जिसमें यूरोपीय संघ के शीर्ष अधिकारी भी मौजूद थे।
तीनों देशो का आर्थिक संबंधट्रंप ने बताया कि चीन और भारत अभी भी रूस से तेल और गैस जैसे महत्वपूर्ण संसाधनों का आयात कर रहे हैं, जिससे रूस को आर्थिक मदद मिलती है और वह यूक्रेन पर युद्ध जारी रख सकता है। इसलिए, अगर यूरोपीय संघ इन दोनों देशों पर भारी टैरिफ लगाएगा, तो रूस की आर्थिक स्थिति कमजोर हो सकती है।
ट्रंप की नई योजनाट्रंप ने यह भी कहा कि यदि यूरोपीय संघ इस कदम का समर्थन करता है, तो अमेरिका भी चीन और भारत पर समान टैरिफ लगाने के लिए तैयार है। इससे वैश्विक व्यापारिक नीतियों में बड़ा बदलाव आएगा। अगस्त में अमेरिका ने भारत से कुछ वस्तुओं पर 50% तक के टैरिफ लगाए थे, जिसमें 25% की ‘दंडात्मक’ टैरिफ भी शामिल है। यह कदम भारत द्वारा रूस से तेल खरीद को रोकने के लिए उठाया गया था।
भविष्य की उम्मीदेंट्रंप ने यह स्पष्ट किया कि अमेरिका और भारत के बीच व्यापार संबंधों को सुधारने के लिए बातचीत जारी है। उन्होंने कहा कि वे जल्द ही भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संपर्क कर इस मामले पर चर्चा करेंगे, ताकि दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों को मजबूत किया जा सके।
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