भारत एशिया कप 2025 के फाइनल में पहुँच चुका है और टीम की कप्तानी कर रहे सूर्यकुमार यादव इस समय चर्चा का विषय बने हुए हैं। बल्लेबाजी में लगातार बड़ी पारी न आने के बावजूद, उनके खेल और कप्तानी शैली को लेकर पूर्व भारतीय स्पिनर रवीचंद्रन अश्विन ने उनका समर्थन किया है।
अश्विन का मानना है कि सूर्यकुमार अपनी कप्तानी और बल्लेबाजी दोनों में हाई-रिस्क गेम खेल रहे हैं। यानी वे सुरक्षित खेलने के बजाय तेज और आक्रामक क्रिकेट को प्राथमिकता दे रहे हैं। उनके अनुसार, यह आधुनिक टी20 क्रिकेट की जरूरत भी है।
सूर्यकुमार इस टूर्नामेंट में अब तक पाँच पारियों में केवल 71 रन ही बना पाए हैं। पाकिस्तान के खिलाफ ग्रुप मैच में उन्होंने नाबाद 47 रन जरूर बनाए, लेकिन बाकी पारियों में उनका बल्ला शांत रहा। इस वजह से उनकी औसत लगभग 23 पर ठहरी है। इसके बावजूद टीम इंडिया लगातार जीत दर्ज कर रही है और अभी तक अपराजित रही है।
अश्विन ने रखा अपना पक्षअश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा कि सूर्यकुमार को केवल औसत से आँकना ठीक नहीं है। टी20 में बल्लेबाज के लिए तेज रन बनाना यानी स्ट्राइक रेट ज्यादा मायने रखता है। उन्होंने कहा कि अगर सूर्या 25 की औसत से खेलें लेकिन स्ट्राइक रेट 170 हो, तो यह टीम के लिए कहीं बेहतर है, बजाय इसके कि कोई खिलाड़ी 40 की औसत से धीमे खेलकर टीम पर दबाव डाल दे।
उन्होंने यह भी समझाया कि कप्तानी मिलने के बाद सूर्या लगातार अलग-अलग बैटिंग पोज़िशन पर उतर रहे हैं और टीम के हिसाब से खुद को ढालने की कोशिश कर रहे हैं। यह उनकी सोच को दर्शाता है कि वे केवल अपने आंकड़ों के लिए नहीं, बल्कि टीम के लिए खेल रहे हैं।
अश्विन ने खिलाड़ियों और फैन्स से अपील की कि सूर्या पर बेवजह दबाव न डालें। उनके अनुसार, सूर्या की आक्रामक रणनीति आने वाले बड़े मुकाबलों में टीम इंडिया को फायदा पहुँचा सकती है। अब सबकी नज़रें भारत बनाम पाकिस्तान फाइनल पर टिकी हैं, जहाँ सूर्यकुमार यादव अपने खेल और कप्तानी से आलोचकों को जवाब देने का बड़ा मौका पाएंगे।
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